कभी हार नहीं माननी चाहिए। लड़ाई चाहे किसी व्यक्ति से हो संस्था से हो या फिर देश के सिस्टम से। आपको हमेशा आगे बढ़ता रहना चाहिए। सपने तो हर कोई देखता है लेकिन इन्हे पूरा करने का हौंसला 10 में से एक इंसान के पास होता है। ज्यादातर लोग कठिन रास्ते को देखकर अपना रास्ता बदल लेते हैं लेकिन जो बिना रुके बिना थके परिश्रण करते है उनके सपने जरुर पूरे होते है।
ऐसा ही एक सपना देखा था राजस्थान की पहली किन्नर कांस्टेबल गंगा कुमारी ने। राजस्थान राज्य की गंगा कुमारी देश की पहली ट्रांसजेंडर पुलिस कांस्टेबल नियुक्त की गई हैं। उनके सपने के बीच देश का कानून आकर खड़ा हो गया। लेकिन गंगा ने अपनों के साथ पूरे सिस्टम के खिलाफ खड़ी होकर आवाज उठाई।
गंगा ने कभी हार नहीं मानी। आज कई किन्नरों के लिए गंगा प्रेरणा बन गयी हैं। गंगा कुमारी की यह नियुक्ति राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश पर की गई। राजस्थान हाईकोर्ट ने 13 नवम्बर 2017 को किन्नर गंगा कुमारी के पक्ष में फैसला सुनाया था। राजस्थान हाईकोर्ट के इस निर्णय के बाद प्रदेश के अन्य किन्नरों के लिए सरकारी नौकरी के दरवाजे खुल गए।
गंगा ने साल 2013 में पुलिस भर्ती परीक्षा पास की लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था। मेडिकल जांच में पता चला की गंगा किन्नर है। जिसकी वजह से उनकी नियुक्ति को रोक दिया गया था। गंगा कुमारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राजस्थान पुलिस विभाग को उसे नियुक्ति देने के आदेश दिए। राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले से गंगा कुमारी देश में पहली ट्रांसजेंडर पुलिस कांस्टेबल बनी।
इस कठिन सफर में उनको कई लोगों ने कहा कि वह लड़ाई हार जाएंगी। उनका हौसला बुलंद था। गंगा अपनी किस्मत को कोसते नहीं बैठी बल्कि पूरे सिस्टम के खिलाफ हाई कोर्ट की शरण ली। गंगा कुमारी का यह सफर आसान नहीं था।