यूपीएससी की परीक्षा पास करने वाले तमाम कैंडिडेट्स की कहानी काफी प्रेरणादायक होती है। यूपीएससी परीक्षा के लिए आमतौर पर यह माना जाता है कि यह दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। इसके साथ दूसरी परीक्षा की तैयारी करना या नौकरी करना खासा मुश्किल होता है। जब तक कैंडिडेट्स की मजबूरी नहीं होती वे सामन्यतः इस परीक्षा के साथ किसी और काम को करना नहीं चुनते। हालांकि कुछ कैंडिडेट्स को ऐसा करना पड़ता है।
आपको एकाग्रता के साथ लक्ष्य तक पहुंचना होता है। मंजिल कितनी भी दूर हो कभी हिम्मत नहीं हारना चाहिए क्योंकि पहाड़ों से निकलने वाली नदी कभी किसी से सागर का रास्ता नहीं पुछती। अरुण राज उन कैंडिडेट्स में से नहीं थे जिनके पास आईआईटी के साथ ही यूपीएससी की तैयारी करने जैसी कोई मजबूरी या कोई दबाव हो। ये उनकी खुद की च्वॉइस थी।
आपका हौसला बुलंद होना चाहिए मुकाम तो मिल ही जाता है। इंसान को कभी हार नहीं माननी चाहिए। इसी बात को चरितार्थ करती है इनकी कहानी। कई लोगों को इनसे प्रेरणा मिलती है। अरुण ने खुद अपने लिए इस कठिन जीवन का चुनाव किया और यह उनका खुद पर विश्वास ही था कि वे पहली बार में ही सफल भी हो गए। यूपीएससी परीक्षा के लिए उन्होंने कभी कोई कोचिंग नहीं ली।
किसी भी इंसान को सफलता के लिए कड़ी मेहनत के साथ सबकुछ हासिल करने की राह पर निकलना पड़ता है। अरुण भी सफलता के लिए निकले और सफल हुए। अरुण बचपन से ही पढ़ाई में बहुत अच्छे थे और उनके तकरीबन हर क्लास में ही बढ़िया नंबर आते थे। उनकी पढ़ाई सीबीएसई बोर्ड से हुयी और उन्होंने दसवीं में 94.8 और बारहवीं में 91.6 प्रतिशत अंकों के साथ परीक्षा पास की।
समय बदलते ज़रा भी वक्त नहीं लगता है। आपको बुरे वक्त में बस कभी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। IAS अरूण राज ने भी अपने लक्ष्य के रास्तें में आनेवाली सभी बाधाओं का डटकर सामना किया और अंततः अपनी मंजिल तक पहुंच ही गए।