HomeFaridabadपर्यावरण संरक्षण के लिए कशमीर से कन्याकुमारी तक पैदल यात्रा पर निकले...

पर्यावरण संरक्षण के लिए कशमीर से कन्याकुमारी तक पैदल यात्रा पर निकले फरीदाबाद के अरुण मित्तल

Published on

प्रकृति संतुलन बनाए रखना मानव जीवन के लिए कितना आवश्यक है इसका एक उदाहरण वर्तमान में फैली महामारी को देखकर लगाया जा सकता है जिससे स्पष्ट होता है कि यदि मनुष्य प्रकृति के साथ मिलकर नहीं चलेंगे तो प्रकृति भी उनका साथ नहीं देगी।

इसी बात को ध्यान में रखते हुए कुछ लोगों का पर्यावरण संरक्षण से विशेष लगाव होता है जो वाकई में ही पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं।

पर्यावरण संरक्षण के लिए कशमीर से कन्याकुमारी तक पैदल यात्रा पर निकले फरीदाबाद के अरुण मित्तल

इसी कड़ी में पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने को लेकर फरीदाबाद निवासी अरुण मित्तल अपने साथ जरूरत कि चीजों का करीब 15 किलो का भार लेकर 14 सितम्बर को कश्मीर से कन्याकुमारी तक पैदल तिरंगा यात्रा पर निकले थे।

जिनका कहना था कि वे देश के सभी प्रदेशों की राजधानियों से होते हुए कश्मीर से कन्या कुमारी तक लोगो को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए पैदल यात्रा करेगे। लेकिन कोरोना महामारी के कारण उन्हें अपनी ये यात्रा 12 प्रदेशों से होते हुए कन्याकुमारी पहुंचकर समाप्त करनी पड़ी।

पर्यावरण संरक्षण के लिए कशमीर से कन्याकुमारी तक पैदल यात्रा पर निकले फरीदाबाद के अरुण मित्तल

फरीदाबाद के रहने वाले अरुण मित्तल पेशे से इंजीनियर है और जर्मनी की एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करते थे जो अब अपनी जॉब छोड़कर पर्यावरण के प्रति देश भर में जागरूकता के प्रण को लेकर भारत भ्रमण पर निकले है और आज 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस के दिन अपनी 13000 किलोमीटर की पैदल यात्रा को पूरा कर कन्याकुमारी पहुंचे है।

अरुण मित्तल का कहना है उनकी सैदेव से ही रुचि पर्यावरण संरक्षण में रही है। वे अपनी नौकरी के चलते विदेश जाने वाले थे लेकिन उनकी मा का देहांत हो जाने के बाद उन्होंने विदेश जाने का इरादा त्याग दिया और पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने का दृढ़ संकल्प लिया।

पर्यावरण संरक्षण के लिए कशमीर से कन्याकुमारी तक पैदल यात्रा पर निकले फरीदाबाद के अरुण मित्तल

अरुण ने अपने इस यात्रा के पीछे के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि वे अपनी इस यात्रा के जरिए लोगों को संदेश देना चाहते है की पर्यावरण संरक्षण क्यों जरूरी है और किस प्रकार हम प्रकृति को बेहतर बना कर खुद के स्वास्थ्य को भी सुधार सकते है।

इस पूरी यात्रा में अरुण जहां से भी होते हुए गुजरे उन्होंने वहां पर लोगो को पौधा रोपण के लिए प्रेरित किया और स्थानीय लोगो एवं कॉलेज के छात्रों के साथ मिलकर स्वयं भी जगह जगह करीब 500 से अधिक पौधे रोपित किए।

पर्यावरण संरक्षण के लिए कशमीर से कन्याकुमारी तक पैदल यात्रा पर निकले फरीदाबाद के अरुण मित्तल

5 जून विश्व पर्यावरण दिवस के दिन अरुण आज कन्याकुमारी पहुंचे जहां पर उन्होंने स्वामी विवेकानंद आश्रम पहुंचकर पौधा रोपण कर अपनी इस यात्रा को पूरा किया। अरुण का कहना है कि अगर उनकी इस यात्रा से लोग प्रेरित होकर पर्यावरण संरक्षण को अपने जीवन में अपनाते हैं तो उनकी यह यात्रा सफल हो जाएगी।

Latest articles

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के...

पुलिस का दुरूपयोग कर रही है भाजपा सरकार-विधायक नीरज शर्मा

आज दिनांक 26 फरवरी को एनआईटी फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा ने बहादुरगढ में...

More like this

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के...