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चुनावों में बदला राकेश टिकैत का रंग, किसानों का साथ छोड़ शुरू हुआ जनसेवा का राग अलापना

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हरियाणा : आगामी 2024 लोकसभा चुनाव में वाराणसी संसदीय सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ममता बनर्जी के चुनाव लड़ने की अटकलों के बीच किसान नेता राकेश टिकत ने कहा कि वे स्वयं चुनाव नहीं लडे़ंगे लेकिन लोगों को जागरूक जरूर करेंगे।

एक तरफ जहां अभी तक हरियाणा के टोहाना में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत किसानों के हमदर्द बनने का ढोंग करने में मग्न थे।

चुनावों में बदला राकेश टिकैत का रंग, किसानों का साथ छोड़ शुरू हुआ जनसेवा का राग अलापना

अब अचानक चुनावों के लिए तैयार होते हुए दिखाई दिए राकेश टिकैत के मुंह से जनसेवा के भाषण सुनाई दे रहे हैं। यह राजनीति नही तो और क्या है। एक तरफ जहां किसानों को आए दिन कृषि कानूनों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की प्रेरणा देने वाले अब चुनावों के लिए भाषण देने हुए कैमरों में कैद हो रहे हैं।

टिकैत ने कहा कि पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में किसानों ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ मतदान किया, जिसकी वजह से वहां गैर-भाजपा सरकारें बनीं। राकेश टिकैत ने कहा कि नरेंद्र मोदी को वोट किसी और काम के लिए दिए गए थे लेकिन अब काम कुछ और कर रहे हैं।

चुनावों में बदला राकेश टिकैत का रंग, किसानों का साथ छोड़ शुरू हुआ जनसेवा का राग अलापना

टिकैत ने कहा कि नौ जून को बंगाल में किसानों की बैठक होनी है, इसलिए बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मिलेंगे जहां उनकी सरकार की नीतियों के बारे जानकारी लेंगे। टिकैत ने कहा कि पहले टोहाना के विधायक को जिताने के लिए ट्रैक्टर पर लोग जाते थे लेकिन अबकी बार लोग ट्रैक्टर पर उनके खिलाफ आ रहे हैं इसलिए ट्रैक्टर ही इस आंदोलन की जान बन गया है।

चुनावों में बदला राकेश टिकैत का रंग, किसानों का साथ छोड़ शुरू हुआ जनसेवा का राग अलापना

टिकैत ने कहा कि तीन कृषि कानूनों को भारत सरकार चुनावी वर्ष 2024 तक जरूर वापस ले लेगी। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जो टोहाना में किसानों पर मुकदमे बनाए हैं वे वापस जरूर होंगे, सरकार को मुकदमे वापस लेने होंगे। टिकैत ने कहा कि टोहाना को नहरों की नगरी के नाम से जाना जाता है, वे नहरों को भी देखकर आए है और टोहाना की सुंदरता को महसूस किया है।

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