10 साल से बंद पड़ी कंपनी की कुंडी बनी मौत का कुआं, एक बच्चे की हुई डूबने से हुई मौत

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गर्मी से तो लोग काफी परेशान है, लेकिन उस गर्मी से निजात पाने के लिए हर कोई व्यक्ति अलग तरीका अपनाता है। कई बार वह तरीका गलत होता है। क्योंकि उस तरीके से कोई घटना घटित हो सकती है व उसकी मृत्यु हो सकती है। ऐसा ही एक मामला फरीदाबाद में देखने को मिला।

जहां पर 10 साल से बंद पड़े कंपनी में दो बच्चे दीवार कूदकर कंपनी के अंदर आए और कंपनी में बने कुंड में नहाने लगे। लेकिन कुंड की गहराई के बारे में उनको नहीं पता था। जिसकी वजह से एक बच्चे की मौके पर ही डूबने की वजह से मृत्यु होगी वही दूसरे बच्चे का उपचार निजी अस्पताल में चल रहा है।

10 साल से बंद पड़ी कंपनी की कुंडी बनी मौत का कुआं, एक बच्चे की हुई डूबने से हुई मौत

पुलिस चौकी सेक्टर 11 के इंचार्ज सब इंस्पेक्टर प्रदीप मोर से मिली जानकारी के अनुसार उनको सूचना मिली की सेक्टर 20b में स्थित Markklamb International Limited है। यह कंपनी पिछले 10 साल से बंद पड़ी है। इस कंपनी में एक कुंडी  15 फीट गहरी बनी हुई है। जो कि कंस्ट्रक्शन के समय बनाई गई थी।

उन्होंने बताया कि इस कंपनी की जो दीवारें हैं वह जगह-जगह से टूटी हुई है। मंगलवार की सुबह करीब 11:00 बजे एसी नगर के रहने वाले सोनू व अंशु गर्मी से निजात पाने के लिए इस कुंडी में दीवार कूदकर नहाने के लिए आए। उस समय इस कंपनी की देखरेख करने वाला हरि चरण का परिवार अपने कमरे में मौजूद काम कर रहा था।

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उनको पता भी नहीं था कि उनकी कंपनी में कोई दो बच्चे कुंडली में नहाने के लिए आए हैं। काफी समय के बाद उनको पता चला कि इस कुंडली में दो बच्चे नहा रहे थे। काफी समय बीत जाने के बाद दोनों बच्चे पानी में नहाते नहाते हैं वह बेहोश हो गए। जिसके बाद वहां मौजूद परिवार वालों ने देखा तो उन्होंने आसपास के लोगों को बुलाकर मदद मांगी।

जिस पर वहां मौजूद एक व्यक्ति ने इन दोनों बच्चों की पहचान कर ली और उन्होंने भागकर उन बच्चों के परिजनों को इस घटना के बारे में अवगत कराया। इसी दौरान पुलिस को भी इसकी सूचना दे दी गई थी।

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बच्चों को उपचार के लिए तुरंत बीके अस्पताल लेकर गए। जहां पर एसी नगर के रहने वाले सोनू को  मौजूद डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया वहीं अंशु का उपचार चल रहा है। कंपनी की देखभाल करने वाले हरिचरण ने बताया कि वह दिन के किसी और कंपनी में कार्य करते हैं।

वही रात के समय इस कंपनी की देखरेख करते हैं। वह सुबह 7:00 बजे अपनी ड्यूटी पर गए हुए थे। करीब 11:00 बजे उनकी पत्नी का फोन आया कि कंपनी में जो कुंडी बनी हुई है उसमें दो बच्चे बेहोशी  की हालत मिले हैं। उनको यह सूचना मिली वह तुरंत वापस बंद पड़ी कंपनी में या फिर यह अपने घर में आए।

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लेकिन उससे पहले ही दोनों बच्चों को पुलिस उपचार के लिए बीके अस्पताल ले गई थी। सोनू को मृत घोषित करने के बाद उनके परिजन उसकी संतुष्टि के लिए उनको निजी अस्पताल लेकर गए। जहां पर डॉक्टर ने उसको तक घोषित कर दिया।

वहीं अंशु को उपचार के लिए भी किस बी के अस्पताल में भर्ती कराया था। लेकिन उसके परिजन उसको निजी अस्पताल में भर्ती करवा रहे हैं। अभी अंशु की हालत स्थिर है। पुलिस ने बताया कि परिज़ानों की तरफ से कोई भी कार्रवाई करने का आदेश नहीं आए हैं। शिकायत देते हैं तो इस पर कार्यवाही की जाएगी।