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असफलताओं से निराश होकर इन्होनें कर लिया था UPSC छोड़ने का फैसला, अब परिवार के सपोर्ट से ऐसे पाई सफलता

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असफलताओं से डर के हम अपने जीवन को बदल लेते हैं। सफलता कुछ ही दूर होती है लेकिन राह ही दूसरी चुन लेते हैं। सफलता पाना आसान नहीं होता। मार्ग में कई रुकावटें, नाकामियां बाधा बनकर आती हैं। कभी-कभी इंसान हिम्मत भी हार जाता है। लेकिन अगर उसे अपनों का साथ मिले तो वह हर मुश्किल को पार कर जाता है।

किसी भी इंसान को सफलता के लिए कड़ी मेहनत के साथ सबकुछ हासिल करने की राह पर निकलना पड़ता है। आज हम जिनकी कहानी बताने जा रहे हैं उसके साथ कुछ ऐसा ही हुआ। यूपीएससी परीक्षा 2018 में ऑल इंडिया रैंक 11 प्राप्त कर आईएएस अफसर बनने वाली पूज्य प्रियदर्शनी के लिए यूपीएससी का सफर काफी चुनौतीपूर्ण रहा।

असफलताओं से निराश होकर इन्होनें कर लिया था UPSC छोड़ने का फैसला, अब परिवार के सपोर्ट से ऐसे पाई सफलता

यदि आप किसी क्षेत्र में सफलता चाहते हैं तो इसे अपना लक्ष्य ना बनाइये, सिर्फ वो करिए जो करना आपको अच्छा लगता है जब हम ऐसा करते हैं तो सबकुछ हासिल हो जाता है। पूजा को यूपीएससी में तीन बार असफलता का सामना करना पड़ा, जिसके बाद उन्होंने इस सफर को खत्म करने का फैसला किया। हालांकि परिवार के सपोर्ट से उन्होंने एक और प्रयास किया। उनकी किस्मत ने साथ दिया और उन्होंने आईएएस बनने का सपना पूरा कर लिया।

असफलताओं से निराश होकर इन्होनें कर लिया था UPSC छोड़ने का फैसला, अब परिवार के सपोर्ट से ऐसे पाई सफलता

समय बदलते ज़रा भी वक्त नहीं लगता है। आपको बुरे वक्त में बस कभी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। दिल्ली से बीकॉम की डिग्री हासिल करने के बाद पूज्य प्रियदर्शनी ने न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री हासिल की। मास्टर डिग्री के बाद उन्होंने एक कंपनी में करीब 2 साल नौकरी की। इस दौरान भी यूपीएससी की तैयारी भी करती रहीं।

असफलताओं से निराश होकर इन्होनें कर लिया था UPSC छोड़ने का फैसला, अब परिवार के सपोर्ट से ऐसे पाई सफलता

इंसान को कभी हार नहीं माननी चाहिए। आपका हौसला बुलंद होना चाहिए मुकाम तो मिल ही जाता है। जीवन में हमेशा एक टर्निंग प्वाइंट होता है जहां किसी की जिंदगी बदल देती है। आपको सच्ची लगन और निष्ठा के साथ लक्ष्य तक पहुंचना होता है।

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