इस मुस्लिम देश में है, भगवान विष्णु की सबसे ऊंची प्रतिमा

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इस मुस्लिम देश में है, भगवान विष्णु की सबसे ऊंची प्रतिमा :- हिंदू धर्म में भगवान विष्णु को समृद्धि और वैभव का प्रतीक माना जाता है,पूरे भारत में शायद ही कोई ऐसा कोना है जहां पर भगवान विष्णु को अलग-अलग नामों से पूजा न जाता हो।

लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि भगवान विष्णु की दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति भारत में नहीं बल्कि मुस्लिमों की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश इंडोनेशिया में है।

इस मुस्लिम देश में है, भगवान विष्णु की सबसे ऊंची प्रतिमा

इंडोनेशिया में भगवान विष्णु की यह मूर्ति 122 फुट ऊंची और 64 फुट चौड़ी है जिसका निर्माण तांबा और पीतल से किया गया है,इसके निर्माण में करीब 28 साल लगा और यह 2018 में बनकर पूरा हुआ और इसका दर्शन करने पूरे विश्व से लोग आते हैं।

1979 में इंडोनेशिया में रहने वाले मूर्तिकार न्यूमन ने मूर्ति बनाने का सपना देखा था लेकिन उनके लिए सपना पूरा करना काफी मुश्किल काम था। इसके बारे में कहा जाता है कि इस मूर्ति को बनाने की शुरुआत 1980 के दशक में एक कंपनी की देखरेख में शुरू हुआ था।

विष्णु की सबसे ऊंची प्रतिमा

इस मुस्लिम देश में है, भगवान विष्णु की सबसे ऊंची प्रतिमा
इस मुस्लिम देश में है, भगवान विष्णु की सबसे ऊंची प्रतिमा

न्यूमन नुवार्ता एक ऐसी कृति बनानी थी जो पूरे विश्व में कहीं ना हो, तथा देखने वाले देखते ही रह जाए यही वजह था कि पैसे के इंतजाम के बाद करीब 15 साल के बाद 1994 में इस मूर्ति का निर्माण शुरू हुआ लेकिन कई बार रुकावट और पैसों की परेशानी आई और इंडोनेशिया सरकार की मदद से 2018 में जाकर निर्माण कार्य पूरा हुआ।

स्थानीय लोगों ने की ख़िलाफ़त

इस मुस्लिम देश में है, भगवान विष्णु की सबसे ऊंची प्रतिमा

इस मूर्ति के खिलाफ वहां के रहने वाले स्थानीय लोगों ने भी आवाज उठाई लेकिन जब उन्हें समझाया गया कि यह मूर्ति इंडोनेशिया का सबसे बड़ा स्टेशन साबित होगा तो लोग मान गए

गरुड पर सवार भगवान विष्णु की ये मूर्ति दुनिया भर में हिंदू देवताओं की सबसे ऊंची मूर्ति है,इसके बाद मलेशिया में बने भगवान मुरूगन की मूर्ति को ऊंचा माना जाता है। दक्षिण भारत में भगवान विष्णु को मुरूगन नाम से जाना जाता है।

इस मुस्लिम देश में है, भगवान विष्णु की सबसे ऊंची प्रतिमा

इस मूर्ति का निर्माण करने वाले मूर्तिकार न्यूमन नुआर्ता को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पदम श्री पुरस्कार से सम्मानित किया था ।मूर्ति के तैयार होने के बाद इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो (joko widodo) ने सबसे पहले दर्शन किया था ।