आमजन को आर्थिक सहायता देने के लिए सरकार द्वारा आए दिन कोई न कोई नई स्कीम लॉन्च कर इसका लाभ आमजन तक पहुंचाया जाता है। इस कड़ी में ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना का लाभ लेने के लिए प्रदेश में इन दिनों रजिस्ट्रेशन की तारीख तय करते हुए सरकार ने इस योजना का लाभ लेने के लिए 25 जून तक रजिस्ट्रेशन करवाने का एक अवसर दिया है।
तारीख से पहले नही कराया पंजीकरण तो इस योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। इस स्कीम के तहत 7000 रुपए प्रति एकड़ अनुदान देने का प्रावधान किया है। इसलिए अभी भी एक मौका है जिन्होंने पंजीकरण नही कराया वह जल्द ही पंजीकृत हो इस योजना से लाभ उठा सकेंगे।
स्कीम के अनुसार मक्का, कपास, खरीफ तिलहन, खरीफ दालें, चारा वाली फसलें एवं बागवानी की फसलों को गत वर्ष के धान के खेतों में उगाने पर सात हजार रुपए प्रति एकड़ का अनुदान देने का प्रावधान किया है। जिसके लिए संबंधित किसान अपने क्षेत्र के खंड कृषि अधिकारी कार्यालय में संपर्क करके रजिस्ट्रेशन करवा सकता है। पिछले साल इस योजना के तहत किसानों ने 96000 एकड़ में धान की बजाय अन्य फसलों की बिजाई की थी।
इस योजना के लाभ के लिए किसानों को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा एवं मेरा पानी-मेरी विरासत पोर्टल पर प्रति एकड़ फसल की विस्तृत जानकारी डालनी होगी। यह जानकारी अपलोड किए जाने के बाद विभाग वेरीफिकेशन करेगा। इसके बाद पात्रों को प्रोत्साहन राशि जारी की जाएगी
इन किसानों को प्रति एकड़ 10 हजार रुपये मिलेंगे
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मुताबिक धान की रोपाई बंद करके अन्य फसल बोने पर सरकार ने प्रति एकड़ 7000 रुपये देने का निर्णय लिया है, लेकिन अब सरकार ने निर्णय लिया है कि जो भी किसान एग्रो फोरेस्टी करता है और अपनी जमीन पर 400 पेड़ लगाता है तो उसको हरियाणा सरकार 10,000 रुपये तीन वर्ष तक देगी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पानी बचाने के लिए ‘खेती खाली-फिर भी खुशहाली’ नारे के साथ किसानों को तोहफा दिया है। मेरा पानी-मेरी विरासत स्कीम के तहत 7000 रुपये की प्रोत्साहन राशि उन किसानों को भी दी जाएगी जो धान की फसल के समय अपने खेतों को खाली रखेंगे।