HomeUncategorizedअसफलताओं से निराश अक्षत ने कभी ले लिया था इस क्षेत्र को...

असफलताओं से निराश अक्षत ने कभी ले लिया था इस क्षेत्र को छोड़ने का फैसला, जानिये फिर कैसे बनें वे टॉपर

Published on

असफलताओं से डर के हम अपने जीवन को बदल लेते हैं। सफलता कुछ ही दूर होती है लेकिन राह ही दूसरी चुन लेते हैं। यूपीएससी का सफर हर किसी के लिए अलग होता है। कोई जल्दी मंजिल पर पहुंच जाता है तो किसी को अधिक समय लगता है। ऐसे में कुछ ऐसे भी कैंडिडेट्स होते हैं जो अंत तक सफल नहीं होते और अंततः यह क्षेत्र ही छोड़ देते हैं। कुछ ऐसा ही फैसला ले लिया था अक्षत कौशल ने जब चौथे प्रयास में भी उनका सेलेक्शन नहीं हुआ।

इस परीक्षा में लगातार असफलता हाथ लगने से अक्षत मान चुके थे कि यह क्षेत्र उनके लिए नहीं है। तभी कुछ ऐसा हुआ कि अक्षत ने फिर से एक अटेम्प्ट देने का मन बनाया और यह अटेम्प्ट उनके लिए गेम चेंजर साबित हुआ। साल 2017 में अपने पांचवें प्रयास में अक्षत ने 55वीं रैंक के साथ टॉप किया और उनकी सालों की मेहनत का फल उन्हें मिला।

असफलताओं से निराश अक्षत ने कभी ले लिया था इस क्षेत्र को छोड़ने का फैसला, जानिये फिर कैसे बनें वे टॉपर

आपका हौसला बुलंद होना चाहिए मुकाम तो मिल ही जाता है। इंसान को कभी हार नहीं माननी चाहिए। इसी बात को चरितार्थ करती है इनकी कहानी। अक्षत अपनी कहानी बताते हैं कि चौथे प्रयास की असफलता से निराश वे घर से निकले तो अपने दोस्तों से यूं ही टकरा गए। उनके करीबी चार दोस्तों ने उनसे पता नहीं क्या कहा कि अक्षत की सारी निराशा हवा हो गई और वे पूरे जोश के साथ पांचवें अटेम्प्ट की तैयारी में जुट गए।

असफलताओं से निराश अक्षत ने कभी ले लिया था इस क्षेत्र को छोड़ने का फैसला, जानिये फिर कैसे बनें वे टॉपर

आपको एकाग्रता के साथ लक्ष्य तक पहुंचना होता है। यह मायने नहीं रखता कि आप कहां से आते हैं। यूपीएससी की परीक्षा पास करने वाले तमाम कैंडिडेट्स की कहानी काफी प्रेरणादायक होती है। उस समय प्री परीक्षा में केवल 17 दिन बचे थे लेकिन अक्षत ने पूरी जान लगा दी और यूपीएससी जैसी परीक्षा जिसके लिए कहा जाता है कि यहां किसी भी स्टेज पर कोई भी असफल हो सकता है में अक्षत ने इतने कम समय की तैयारी में सफलता पाई। उन 17 दिनों में वे सबकुछ भूलकर अपना सौ प्रतिशत देकर केवल परीक्षा की तैयारी में लगे रहे और सफल भी हुए।

असफलताओं से निराश अक्षत ने कभी ले लिया था इस क्षेत्र को छोड़ने का फैसला, जानिये फिर कैसे बनें वे टॉपर

जब कुछ कर दिखाने का जुनून होता है तो आप बस उसी के बारे में सोचते हैं। समय बदलते ज़रा भी वक्त नहीं लगता है। आपको बुरे वक्त में बस कभी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए।

Latest articles

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के...

पुलिस का दुरूपयोग कर रही है भाजपा सरकार-विधायक नीरज शर्मा

आज दिनांक 26 फरवरी को एनआईटी फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा ने बहादुरगढ में...

More like this

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के...