महामारी का दौर जब पीक पर था, तब जिले में एक और ऑक्सीजन व बेड की कमी देखने को मिल रही थी। वहीं दूसरी ओर एंबुलेंस सेवाओं की भी कमी देखने को मिल रही थी। जिसके चलते निजी एंबुलेंस वाले मनचाहे चार्ज कर रहे थे।
इसी समस्या को देखते हुए पुलिस विभाग के द्वारा स्वास्थ्य विभाग को सहयोग देने के लिए 10 नई इनोवा गाड़ी एंबुलेंस के तौर पर इस्तेमाल करने को दी गई थी। लेकिन उन गाड़ियों को एंबुलेंस ना बनाकर डॉक्टर के लिए टैक्सी बना दे गई।
पिछले महीने महामारी का दौर जब पीक पर था। तब प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को एंबुलेंस की सेवाओं में कमी देखने को मिल रही थी। जिसके चलते उनको मरीजों को लाने ले जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था और उसी चीज का फायदा उठाकर नीचे एंबुलेंस मनचाहे मरीज व उनके परिजनों से वसूल रही थी।
इसी परेशानी को देखते हुए फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर ऑफिस सिंह ने डीजीपी हरियाणा मनोज यादव से गुजारिश 10 नई इनोवा गाड़ी जो पुलिस को दी जा रही है वह एंबुलेंस सेवा में सहयोग दें। जिसके बाद डीजीपी हरियाणा के द्वारा फरीदाबाद प्रशासन को 10 नई इनोवा गाड़ी एंबुलेंस के तौर पर इस्तेमाल करने को दी गई।
लेकिन वह गाड़ी एंबुलेंस के तौर पर इस्तेमाल नहीं की जा रही, बल्कि डॉक्टर को घर से अस्पताल व अस्पताल से घर ले जाने के लिए टैक्सी के रूप में इस्तेमाल की जा रही है। सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि मरीजों को ऑक्सीजन व वेंटिलेटर वाली एंबुलेंस की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ती है।
लेकिन इन गाड़ियों में यह सुविधा नहीं होने की वजह से यह गाड़ी एंबुलेंस के तौर पर इस्तेमाल नहीं की गई है। इसीलिए इन गाड़ियों का इस्तेमाल डॉक्टर को लाने ले जाने में की जा रही है। सूत्रों के अनुसार ने यह भी बताया कि इन गाड़ियों में अभी तक कोई भी मरीज को एंबुलेंस के तौर पर सेवा नहीं दी गई है।
यह गाड़ियां जब से आई है तब से सिर्फ डॉक्टरों को लाने ले जाने में इस्तेमाल की जा रही है। वही इस बारे में जब फ्लीट मैनेजर से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि 1 महीने में करीब 90 मरीजों को इन एंबुलेंस के जरिए सुविधा दी गई है।
उन्होंने बताया कि फरीदाबाद पुलिस के द्वारा 10 नई इनोवा गाड़ी एम्बुलेंस के तौर पर इस्तेमाल करने को दी गई थी। जिसमें से पांच बीके अस्पताल में व अन्य विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर अपनी सेवाएं दे रही है।