आगामी 31 जुलाई को निगम के साथ सभी कंपनियों के कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो रहे हैं। मॉनसून करीब है ऐसे में सीवर ओवरफ्लो की समस्या का समाधान करने के लिए जल्द से जल्द सभी 40 वार्डों में ठेकेदार की नियुक्ति करने की जरुरत है ताकि मॉनसून के दौरान लोगों को सीवर ओवरफ्लो की समस्या का सामना ना करना पड़े।
लेकिन लापरवाही का आलम यह है कि निगम अधिकारियों द्वारा अभी तक इस आदेश का पालन नहीं हुआ है। आदेश की पालना न होने पर निगम कमिश्नर गरिमा मित्तल ने नाराजगी जताई है। इस पर निगम के चीफ इंजीनियर रामजीलाल ने 5 एक्शन अधिकारियों से कारण बताओ नोटिस मांगा है।
बता दें कि 20 लाख से अधिक आबादी वाले इस शहर में करीब 700 किलोमीटर से भी ज्यादा एरिया में सीवर की पाइप बिछा दी गई हैं। इन सीवर लाइनों की सफाई का कार्य नगर निगम नहीं कर सकता। इसलिए नगर निगम ने 40 वार्डों में अलग-अलग ठेकेदारों को सीवर सफाई का काम सौंपा है।
सीवर लाइनों के ऑपरेशन और मेंटेनेंस के ठेके के तहत हर एक एरिया में सीवर की समस्या आने पर यह ठेकेदार ही समाधान करते हैं लेकिन 31 जुलाई को इन सभी ठेकेदारों का कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो रहा है।
इसी समस्या के समाधान को लेकर निगम आयुक्त ने सभी एक्शन अधिकारियों को जल्द नए टेंडर आमंत्रित करने के आदेश दिए थे। ताकि यह टेंडर प्रक्रिया पूरी कर नए ठेकेदारों को टेंडर दे सके और ठेकेदारों की नियुक्ति नए रिट पर हो सके।