गुप्ता ब्रदर्स एक ऐसा नाम जो एक तरह से समानांतर सरकार’ चलाया करता थे। यूपी के सहारनपुर एमडी रहने वाले गुप्ता ब्रदर्स की पहुंच राष्ट्रपति के घर तक भी पहुंच चुकी थी। अब आलम यह है कि इन गुप्ता ब्रदर्स को तलाशने के लिया अफ्रीका की सुरक्षा एजेंसी ने इनकी धड़ पकड़ शुरू कर दी है। इसके अतरिक्त इन ब्रदर्स को पकड़ने के लिए इंटरपोल से रेड नोटिस जारी करने की अपील की गई है।
जिसके पीछे अफ्रीकन एजेनिसेज ने कमर कस ली है। उनके बारे में विस्तार से जानते है। सहारनपुर के रहने वाले अतुल और राजेश गुप्ता 1993 में श्वेत शासन खत्म होने के बाद अफ्रीका पहुंचे थे। यहां उन्होंने बिजनेस करने का फैसला किया। धीरेे धीरे सेक्टर्स में अपनी मजबूत पकड़ बना ली थीं. इनमें खनन, विमानन, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, मीडिया और कंप्यूटिंग प्रमुख सेक्टर हैं।
बताया जाता है कि गुप्ता ब्रदर्स का संबंध पूर्व राष्ट्रपति जैबक जुमा से था। उनकी कंपनियों में जुमा के परिवार के कई सदस्य अहम पदों पर थे। कहने वाले ये भी कहते हैं कि ये किस्म की ‘समानांतर सरकार’ चला रहे थे। इस कारोबारी परिवार के पास अपना टीवी चैनल और न्यूज पेपर भी था. ये चैनल जुमा के पक्ष में खबरें चलाया करते थे। आरोप है कि गुप्ता भाइयों ने सरकारी कंपनियों से सौद करके गलत तरीकों से पैसे कमाए।
दरअसल, साल 2018 में वित्तीय अनमितियाओं के चलते गुप्ता ब्रदर्स को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद रिहा होकर पूरा परिवार अफ्रीका से फरार हो गया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल ये लोग दुबई में रह रहे है। दावा किया जाता है कि कुछ सदस्य भारत में भी हैं।
इस वक्त साउथ अफ्रीका का दोनों एस्टिना परियोजना में धोखाधड़ी के मामले में इंतजार है। दरअसल, आरोप है कि एस्टिना परियोजना में 2.5 करोड़ रैंड उस कंपनी के खाते में गए, जिसपर अतुल, राजेश और उनकी पत्नियों चेताली और आरती का पूरा नियंत्रण है. ऐसे में अगर इंटरपोल रेड नोटिस जारी करता है, तो दुनिया भर की प्रवर्तन एजेंसियों से गुप्ता ब्रदर्स की तलाश के लिए अनुरोध किया जा सकता है. साथ में प्रत्यर्पण सहित अन्य कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।