ग्राउंड वाटर लेवल दिन प्रतिदिन घटता जा रहा है, जिसकी वजह से फरीदाबाद के कुछ एरिया में पानी का संकट देखने को मिल रहा है। गर्मी शुरू होते ही लोगों को पानी के संकट से जूझना पड़ता है और वह इस समस्या का समाधान सिर्फ और सिर्फ टैंकर से ही कर पाते हैं।
इसीलिए कनफेडरेशन ऑफ आरडब्लूए के द्वारा सोशल मीडिया नगर निगम से गुजारिश की है कि बरसात से पहले अगर यह काम में करवा लेती है। तो जो सड़कों पर पानी बर्बाद होता है उसको बचाया जा सकता है और ग्राउंड वाटर लेवल को बढ़ाया जा सकता है।
कनफेडरेशन ऑफ आरडब्ल्यूए के प्रधान एनके गर्ग ने बताया कि नगर निगम के द्वारा जिले में करीब डेढ़ सौ रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट बनाए हुए हैं। जिसका इस्तेमाल बारिश के दिनों में किया जाता है। लेकिन जैसे कि मौसम विभाग के द्वारा बताया जा रहा है कि इस बार मॉनसून जल्दी आएगा।
इसलिए उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए नगर निगम अधिकारियों से गुजारिश की है कि वह जिले में जितने भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग बने हुए हैं उनको मेंटेन करके सुचारू रूप से चलाने की प्रक्रिया को शुरू कर दें। ताकि जब बरसाती मौसम आए तब सड़कों पर बर्बाद बहने वाला पानी रेन वाटर हार्वेस्टिंग में इस्तेमाल हो सके और उससे जिले का ग्राउंड वाटर लेवल भी इनक्रीस होगा।
कनफेडरेशन ऑफ आरडब्लूए के जनरल सेक्रेटरी ए एस गुलाटी ने बताया कि उन्होंने ट्वीट करके कहा कि @MCF_Faridabad कनफेडरेशन का नगर निगम कमिश्नर से अनुरोध है कि मानसून शुरू होने से पहले सेक्टरों में बन्द पड़े रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की युद्ध स्तर पर सफाई करवाने के निर्देश दें। अन्यथा हर साल की तरह बारिश का पानी सड़कों और नाले-नालियों में व्यर्थ बह जाएगा।
इसीलिए उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए नगर निगम से गुजारिश की है रेन वाटर हार्वेस्टिंग को दुरुस्त किया जाए। ताकि बरसात के दिनों में जो पानी सड़कों पर व्यर्थ बहता था उसको ग्राउंड वाटर लेवल इंक्रीज करने में इस्तेमाल किया जा सके।
क्योंकि इस समय जिले का ग्राउंड वाटर लेवल दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। जिसके वजह से लोगों को पीने के पानी की सुविधा नहीं मिल पा रही है और वह सिर्फ और सिर्फ टैंकर के भरोसे रहते हैं।