ईएसआईसी मेडिकल कालेज एंड हास्पीटल की 184वीं मीटिंग में लिए निर्णय काे बनाया आधार

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एनआईटी फरीदाबाद से कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने सेक्टर-16 में सनफ्लैग अस्पताल को ईएसआईसी के अधीन सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल बनाने का आग्रह किया है। शर्मा ने इसके लिए केंद्रीय श्रम राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार से मिलकर मांग की है कि वे फरीदाबाद और गुरुग्राम औद्योगिक क्षेत्र के श्रमिकों के हित में सनफ्लैग अस्पताल तत्काल प्रभाव से हरियाणा सरकार से अधिग्रहीत करने की दिशा में कारगर कदम उठाएं।

शर्मा ने इसके लिए ईएसआई कारपोरेशन के तहत फरीदाबाद में चल रहे ईएसआईसी मेडिकल कालेज एंड हास्पीटल की 184वीं मीटिंग को आधार बनाया है। इस मीटिंग में निर्णय लिया गया था कि ईएसआईसी मेडिकल कालेज एंड हास्पीटल के तहत अब एक सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल भी बनना चाहिए। इसमें हृदय, कैंसर सहित अन्य बड़े रोग का इलाज हो सके। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधीन आ चुके सेक्टर-16 के सनफ्लैग अस्पताल को अधिग्रहीत कर ईएसआईसी को सौंपा जाए। बता दें,

ईएसआईसी मेडिकल कालेज एंड हास्पीटल की 184वीं मीटिंग में लिए निर्णय काे बनाया आधार

ईएसआईसी मेडिकल कालेज एंड हास्पीटल के डीन डाक्टर असीम दास ने ईएसआईसी के महानिदेशक को इस बाबत पत्र भी लिखा है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि ईएसआईसी को सनफ्लैग अस्पताल में सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल विकसित करने के लिए हरियाणा सरकार से तत्काल बातचीत करनी चाहिए।

नीरज शर्मा ने श्रम राज्यमंत्री संतोष गंगवार को बताया कि फरीदाबाद और गुरुग्राम औद्योगिक क्षेत्र हैं। अकेले फरीदाबाद में 5.5 लाख श्रमिक ऐसे हैं जो ईएसआईसी की डिस्पेंसरी व हास्पीटल में इलाज कराते हैं मगर जब कभी इन्हें बड़े रोग का इलाज कराना होता है तो निजी अस्पतालों में जाना पड़ता है। एेसे में ईएसआईसी की तरफ से अपना सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल बनाया जा सकता है।

ईएसआईसी मेडिकल कालेज एंड हास्पीटल की 184वीं मीटिंग में लिए निर्णय काे बनाया आधार

इसके अलावा नीरज शर्मा ने केंद्रीय राज्यमंत्री को यह भी बताया कि ईएसआईसी मेडिकल कालेज एंड हास्पीटल में कोविड की दूसरी लहर के दौरान बेहतरीन तरीके से इलाज हुअा। इससे यह साबित होता है कि यदि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को विस्तारित किया जाए तो उनमें भी अच्छा इलाज हो सकता है।

शर्मा ने मंत्री को यह भी बताया कि ईएसआईसी मेडिकल कालेज फरीदाबाद में कोरोना की दूसरी लहर के निशुल्क इलाज हुआ। जबकि निजी अस्पतालों में इलाज के नाम पर लाखों की लूट की।