जून के महीने को एंटी डेंगू–मलेरिया के रूप में मनाने की तैयारी की जा रही है। इसके अंतर्गत डेंगू एवं मलेरिया की रोकथाम के प्रयास तेज किए जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत और शहरी क्षेत्रों में वार्ड पार्षदों की मदद लेगा स्वास्थ्य विभाग।
वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में डेढ़ सौ जोहड़ चिन्हित किए गए हैं। यहां गंबूजिया मछली छोड़कर डेंगू और मलेरिया के मच्छरों को कम करने का प्रयास किया जाएगा।
बरसात आने से पहले स्वास्थ्य विभाग लोगों को जागरूक करने के लिए पूरे जून अलग-अलग गतिविधियां चलाएगा। इसके लिए एंटी लार्वा एक्टिविटी के साथ–साथ गांव एवं शहरी क्षेत्रों में जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।
इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने जिले के गांवों में डेढ़ सौ जोहड़ को चुना है जिनमें गंबूजिया मछली छोड़ी जाएगी। यह मछली डेंगू एवं मलेरिया के मच्छरों के अंडों को नष्ट कर देती है।
नोडल अधिकारी, डेंगू–मलेरिया विभाग, डॉ. रामभगत का कहना है कि यह मछलियां मच्छरों के अंडों को खा जाती है। इससे मच्छरों से होने वाली बीमारियों का खतरा कम होगा।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व उप–स्वास्थ्य केंद्रों में आने वाले मरीजों में से 15% मरीजों के रक्त के नमूने लिए जाएंगे। आसानी से पता लगाया जा सकेगा कि कहीं लोग मच्छर जनित बीमारियों से पीड़ित तो नहीं।
वहीं निदेशालय की ओर से जारी किए गए आदेश के अनुसार जिले के स्वास्थ्य निरीक्षक सार्वजनिक स्थलों और ट्यूबवेल, स्कूल की छतों के साथ-साथ नजदीकी क्षेत्रों में मच्छरों के लारवा को पूरी तरह से खत्म करने का प्रयास किया जाएगा।
उसमें टैमीफोस दवा छिड़कने के भी निर्देश दिए गए हैं। एंटी लारवा एक्टिविटी के लिए ग्राम पंचायत और वार्ड पार्षदों से संपर्क जारी है। इनके सहयोग से लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता अभिया