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पिता के सपने के लिए बेटी ने इंजीनियरिंग छोड़ी और आईएएस अफसर बनी, यूपीएससी परीक्षा दी और दूसरे प्रयास में हुईं सफल

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कभी – कभी आपसे ज़्यादा आपके अपनों के सपने आपके लिए अधिक मायने रखते हैं। इस कहानी में भी ऐसा ही है। यूपीएससी परीक्षा 2017 में ऑल इंडिया रैंक 16 प्राप्त कर आईएएस अफसर बनने वाली शिखा सुरेंद्रन की कहानी है यह, जिन्होंने अपने और परिवार के सपने को पूरा करने के लिए यूपीएससी में आने का फैसला किया और उन्हें दूसरे प्रयास में सफलता मिल गई। उन्होंने अपने सफ़र में कई तरह की चुनौतियों का सामना किया लेकिन हार नहीं मानी।

जब कुछ कर दिखाने का जुनून होता है तो आप बस उसी के बारे में सोचते हैं। करीब 3 साल तक तैयारी करने के बाद उन्होंने आईएएस अफसर बनने का सपना पूरा कर लिया। उनकी कहानी सभी के लिए काफी प्रेरणादायक है।

पिता के सपने के लिए बेटी ने इंजीनियरिंग छोड़ी और आईएएस अफसर बनी, यूपीएससी परीक्षा दी और दूसरे प्रयास में हुईं सफल

इन्होनें अपने लक्ष्य के रास्तें में आनेवाली सभी बाधाओं का डटकर सामना किया और अंततः अपनी मंजिल तक पहुंच ही गए। मूल रूप से केरल की रहने वाली शिखा पढ़ाई में हमेशा से होशियार थी और इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग में दाखिला ले लिया। उनके पिता का सपना था कि वह आईएएस अफसर बनें और शिखा का मन भी इस तरफ आकर्षित हुआ।

पिता के सपने के लिए बेटी ने इंजीनियरिंग छोड़ी और आईएएस अफसर बनी, यूपीएससी परीक्षा दी और दूसरे प्रयास में हुईं सफल

लगन से की गई मेहनत कभी बेकार नहीं जाती। इसका उदाहरण हैं शिखा। ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली आने का फैसला किया। यहां कुछ महीनों तक उन्होंने कोचिंग की लेकिन उसके बाद सेल्फ स्टडी करने का फैसला किया। शिखा का मानना है कि यूपीएससी में सफलता प्राप्त करने के लिए सेल्फ स्टडी पर काफी फोकस करना चाहिए।

पिता के सपने के लिए बेटी ने इंजीनियरिंग छोड़ी और आईएएस अफसर बनी, यूपीएससी परीक्षा दी और दूसरे प्रयास में हुईं सफल

हार मत मानो,आपकी जीत हमेशा आपके आस पास ही होती है। जब हम सही रास्ते पर चल रहे हैं और हमें अपनी मंज़िल करीब नजर आती है। समय बदलते ज़रा भी वक्त नहीं लगता है।

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