पेयजल संकट से जूझ रहे लोगों को निगम की राहत, इस माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जाएगा पानी

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गर्मी में शहर की घनी आबादी वाले इलाकों में पेयजल संकट गहराया हुआ है।  वार्डों की करीब पांच लाख की आबादी बीते एक माह से प्रतिदिन पेयजल संकट झेल रही है।

सूत्रों के मुताबिक इन दिनों में बिजली आपूर्ति सुचारू नहीं होने के कारण यमुना किनारे लगी रेनीवेल का पानी शहर तक नियमित नहीं पहुंच रहा है। इसके अलावा विभिन्न इलाकों में लगे ट्यूबवेलों के बार-बार खराब होने, कुछ की मोटर बार-बार खराब होने के कारण पेयजल संकट है।

पेयजल संकट से जूझ रहे लोगों को निगम की राहत, इस माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जाएगा पानी

कॉलोनियों में जो ट्यूबवेल भी चल रही है, उनमें अधिकांश पर अवैध रूप से चल रही डेयरी संचालकों का कब्जा है। ऐसे में ट्यूबवेल और रेनीवेल से पानी की आपूर्ति सुचारू नहीं होने के कारण शहर की आबादी का एक हिस्सा पेयजल संकट की चपेट में हैं, जबकि पूरा शहर भूजल पर ही निर्भर है। वैसे भी गर्मियों में पानी की खपत बढ़ जाती है।

कॉलोनियों में बड़ी संख्या में अवैध रूप से डेयरी चल रही हैं। इन डेयरियों के कारण जहां गंदगी और सीवर जाम की समस्या बनी हुई हैं, वहीं इन डेयरी संचालकों में मिलीभगत करके ट्यूबवेलों पर भी कब्जा कर रखा है। अब ट्यूबवेलों को पानी अन्य कहीं जाने नहीं देते हैं। जितने समय इन्हें भैंसों को नहलाने, भैंस के गोबर को नालियों और सीवर में बहाने और अपने तबलों की सफाई के लिए पानी चाहिए, उतने समय ही ये ट्यूबवेल चलाते हैं।

पेयजल संकट से जूझ रहे लोगों को निगम की राहत, इस माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जाएगा पानी

इन ट्यूबवेलों की चाबियां इन्हीं लोगों के पास अवैध रूप से होती है। इसलिए अन्य लोगों को पानी नहीं मिल पाता है। जवाहर कॉलोनी, डबुआ कॉलोनी, नंगला एंक्लेव, पर्वतीय कॉलोनी आदि इलाकों में डेयरियों की भरमार हैं। इसके अलावा कुछ ट्यूबवेलों पर पानी माफिया का कब्जा है। इसके अलावा मिलीभगत से ही सरकारी ट्यूबवेलों के पानी को अपने निजी टैंकरों में भरकर माफिया पानी बेचता है। वार्ड नंबर 12, 13, 14, 28, 29, 30, 31, 33 शामिल है।

इन इलाकों में ज्यादा दिक्कत
जवाहर कालोनी, डबुआ कालोनी, पर्वतीया कालोनी, संजय कालोनी, बसेलवा कालोनी, एनआईटी का काफी हिस्सा, ग्रीन फील्ड कालोनी.