सोशल मीडिया पर आज कल कोई भी खबर आग की तरह फैल जाती है। लोग उसपर भरोसा भी कर लेते हैं। यूपी में आजकल सियासी सरगर्मी तेज है। विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियाें ने तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा में बैठकों का दौर तेजी से चल रहा है। लगातार हो रही मीटिंग के बीच सरकार और संगठन में बदलाव की चर्चा ने भी जोर पकड़ लिया। इन सबके बीच सोशल मीडिया पर यूपी के बंटवारे की खबर वायरल हो गई।
यह खबर ऐसे फैल रही है जैसे जंगलों में आग। हर तरफ इसी की चर्चा हो रही है। कुछ लोगों का दावा है कि 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले पूर्वांचल और बुंदेलखंड को अलग कर दिया जाएगा।
इन दावों में ज़रा भी सच्चाई नहीं है। यूपी प्रशासन ने ऐसा कहा है। उत्तर प्रदेश सूचना विभाग में वायरल हो रहे इस मैसेज का खंडन किया है। सूचना विभाग ने फैक्ट चेक करते हुए ट्वीट किया है कि उत्तर प्रदेश के बंटवारे की खबर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल है। उत्तर प्रदेश के विभाजन को लेकर जताई जा रही आशंका निराधार है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भ्रामक खबरों का प्रसार करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
चुनाव से पहले हलचल मचने की मंशा से यह किया जा रहा है। पहले राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष का लखनऊ दौरा उसके बाद प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह का राज्यपाल से मिलना। इसके बाद सीएम योगी का दिल्ली जाकर पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात की घटना ने अफवाहों को और बल दे दिया। हालांकि बीजेपी ने स्प्ष्ट किया है कि वह यूपी में कोई बदलाव नहीं करने जा रही है।
अफवाहों और अटकलों का बाज़ार गर्म है। देश के सबसे महत्वपूर्ण प्रदेश यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा है कि आजतक कुछ लोग राजनीतिक खबरों की सनसनी बना रहे हैं। इससे जनता गुमराह होती है।