Homeबागवानी से आज महक रही इनकी ज़िंदगी, संघर्ष और मेहनत से आज...

बागवानी से आज महक रही इनकी ज़िंदगी, संघर्ष और मेहनत से आज कर कमा रहे लाखों में

Published on

अगर किसी चीज़ में कभी – कभी कुछ बदलाव किये जाएं तो यह हमें बहुत फायदा देता है। ज़िंदगी बदल जाती हैं उन बदलावों से। हिंदी व समाज शास्त्र में एमए करने वाली पूनम राजपूत की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। जिंदगीभर साथ निभाने वाला हमसफर शादी के पांच साल बाद ही हमेशा के लिए साथ छोड़ गया तो पूनम पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा। उस समय पूनम पर तीन साल की बेटी व छह माह का बेटा था।

उनकी हिम्मत नहीं टूटी। उनको खुद पर भरोसा था। पर्यावरण प्रेम को रोजी-रोटी से जोड़ा तो बागवानी से गमों को दूर किया। ङ्क्षजदगी अब फूलों की तरह महकने लगी है।

बागवानी से आज महक रही इनकी ज़िंदगी, संघर्ष और मेहनत से आज कर कमा रहे लाखों में

मेहनत के साथ – साथ आपकी प्लानिंग भी बहुत महत्व रखती है। आपका विश्वास आपमें होना चाहिए। अतरौली क्षेत्र के गांव कृपा रामपुर निवासी अमर ङ्क्षसह राजपूत की तीन संतानों में बेटी पूनम राजपूत भी हैं। इन्हें बचपन से ही पर्यावरण व बागवानी से लगाव था। टीआर कालेज से ङ्क्षहदी से एमए करने के बाद 2009 में अतरौली के ही सहनोल निवासी हरीशंकर से इनकी शादी हो गई। हरीशंकर दिल्ली की किसी कंपनी में काम करते थे।

बागवानी से आज महक रही इनकी ज़िंदगी, संघर्ष और मेहनत से आज कर कमा रहे लाखों में

आज बागवानी से इनकी ज़िंदगी बहुत महक रही है। इनका यह काम काफी कुछ सकारात्मक संदेश भी देता है। पूनम दिल्ली में जहां रहती थीं, उस घर के एक कोने में छोटी-सी बागवानी लगा रखी थी। फिर उन्होंने समाज शास्त्र से एमए किया। मगर, पर्यावरण से हमेशा इनका लगाव रहा। पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए इंटर कालेज में प्रवक्ता की नौकरी के दौरान बच्चों को शिक्षा देतीं। इसी बीच 2012 में सबइंस्पेक्टर पद पर चयन हो गया।

बागवानी से आज महक रही इनकी ज़िंदगी, संघर्ष और मेहनत से आज कर कमा रहे लाखों में

कहते हैं कभी – कभी किस्मत हमसे नाराज़ हो जाती है। कोई भी काम हमारे पक्ष में नहीं होता। यहां भी किस्मत ने इनका साथ नहीं दिया। इस भर्ती पर रोक लग गई। सुखद दांपत्य जीवन को किसी की नजर लग गई। पति का बीमारी से निधन हो गया। दोनों बच्चों का जिम्मा पूनम पर आ गया। इन्होंने फिर भी हिम्मत नहीं हारी। यह दिल्ली छोड़कर अलीगढ़ आ गईं। यहां निजी कालेज में शिक्षक की नौकरी की। आज बागवानी कर के वह खुश हैं।

Latest articles

स्वास्थ विभाग के अनुसार Faridabad नगर निगम शहर की जनता को कर रही है ज़हर सप्लाई, यहां पढ़ें पूरी

स्वच्छ पानी स्वस्थ रहने और जीने के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है, लेकिन...

Faridabad नगर निगम के EXEN नितिन कादयान जाएंगे ऑस्ट्रेलिया, यह है इसके पीछे की वजह

आने वाली 30 अक्टूबर को ऑस्ट्रेलिया सरकार ऑस्ट्रेलिया-इंडिया वाटर सिक्योरिटी इनिशिएटिव कम्युनिटी डेमोंस्ट्रेशन प्रोजेक्ट...

सरकार की इस योजना से मिला Faridabad के हजारों रेहड़ी वालों को लोन, अब भी लाभ पाने के लिए दिसंबर तक कर सकतें है...

शहर के रेहड़ी-पटरी वालों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने कुछ समय पहले...

More like this

स्वास्थ विभाग के अनुसार Faridabad नगर निगम शहर की जनता को कर रही है ज़हर सप्लाई, यहां पढ़ें पूरी

स्वच्छ पानी स्वस्थ रहने और जीने के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है, लेकिन...

Faridabad नगर निगम के EXEN नितिन कादयान जाएंगे ऑस्ट्रेलिया, यह है इसके पीछे की वजह

आने वाली 30 अक्टूबर को ऑस्ट्रेलिया सरकार ऑस्ट्रेलिया-इंडिया वाटर सिक्योरिटी इनिशिएटिव कम्युनिटी डेमोंस्ट्रेशन प्रोजेक्ट...