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तिहाड़ जेल जाने से पहले सहमे ओलंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार ने जान बचाने की दी दुहाई

जाने लेने वाला भी जान गवाने से खौफ खाता है,यह कोई अफवाह नहीं बल्कि हकीकत से मिलता जुलता वास्तविकता का परिचय कराता है। दरअसल हम इस कथन के माध्यम से वर्तमान में स्थिति से गुजर रहे पहलवान सुशील कुमार की बात कर रहे हैं। जिन पर पने ही जूनियर पहलवान सागर धनखड़ जो कि हरियाणा निवासी था और उम्र 23 वर्ष थी उसकी हत्या के मामले में कानून की हिरासत में रखा गया है।

मंगलवार को क्वारेंटाइन अवधि खत्म हो रही है। इसके बाद उसे तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया जा सकता है। वहीं सुशील का कहना है कि, मुझे लॉरेंस बिश्नोई-काला जठेड़ी गैंग से खतरा है। लिहाजा मेरी सुरक्षा बढ़ाई जाए। बता दिया जाए कि, मंडोली जेल में सुशील की आज क्वारंटाइन की अवधि खत्म हो रही है। उसे अब जल्द एशिया की सबसे बड़ी जेल तिहाड़ में शिफ्ट किया जा सकता है। हालांकि देखा गया है कि, तिहाड़ के नाम से सुशील का माथा ठनकने लगता है। वह दिनभर अपनी सेल में चक्कर काटता रहता है।

तिहाड़ जेल जाने से पहले सहमे ओलंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार ने जान बचाने की दी दुहाई

लेकिन, सुशील ने लॉरेंस बिश्नोई-काला जठेड़ी गैंग से जान का खतरा बताया है। ऐसे में जेल प्रशासन सुशील को तिहाड़ जेल की जगह रोहिणी जेल में भी शिफ्ट कर सकता है। रोहिणी में भी सुशील की सुरक्षा के इंतजाम किए जाएंगे। जेल सूत्रों के अनुसार, मंडोली जेल में सुशील चिंतित दिखता है। सेल में वह दिनभर चक्कर काटता रहता है।

सुशील द्वारा जेल प्रशासन से कई खुद की जान को खतरा होने की बात कही गई है। मंडोली जेल में भी उसे गैंगस्टरों का डरा सताता है। तिहाड़ में पहले से ही उससे खुन्नस खाए कैदी बंद हैं। जिसके चलते जेल प्रशासन अब सुशील को रोहिणी जेल में शिफ्ट करने का विचार भी कर रहा है। गौरतलब है कि, बीते 23 मई को गिरफ्तार किए जाने के बाद 2 जून को सुशील को पुलिस रिमांड खत्म होने पर मंडोली जेल भेजा गया था। जहां जेल संख्या-15 में उसे अलग सेल के भीतर 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया गया था।

इससे पहले 11 जून को रोहिणी अदालत ने सुशील की न्यायिक हिरासत (ज्यूडिशियल कस्टडी) 14 दिन के लिए बढ़ा दी थी। उसके वकील की ओर से एक बार फिर सुशील की जान को लॉरेंस बिश्नोई-काला जठेड़ी गैंग से खतरा बताया गया। हालांकि, इस मंडोली जेल में सुशील की सुरक्षा की खातिर उचित इंतजाम किए गए। एक अधिकारी ने कहा कि, किसी भी कैदी को अगर खतरा होता है, तो जेल प्रशासन द्वारा उसकी सुरक्षा का बंदोबस्त किया जाता है।

Avinash Kumar Singh

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