थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चों के लिए बनाई जा रही है 5 लोग भी शील्ड, फरिश्ता बनकर ऊभर रही है यह संस्था

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महामारी के दौर में सबसे ज्यादा खून की कमी की परेशानी गर्भवती महिलाओं और थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चों को झेलनी पड़ी। महामारी के दौर में जहां सरकार के द्वारा लॉकडाउन लगाया हुआ था। वही ब्लड डोनेशन कैंप पर भी रोक लगी हुई थी।

जिसके चलते लोगों के द्वारा ब्लड डोनेट नहीं किया जा रहा था। जिले के ब्लड बैंक में ब्लड की कमी होने लगी और थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चों को ब्लड नहीं मिल पा रहा था। इसी समस्या को देखते हुए एक संस्था के द्वारा हर ग्रुप एक थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चे को गोद ले रहा है।

थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चों के लिए बनाई जा रही है 5 लोग भी शील्ड, फरिश्ता बनकर ऊभर रही है यह संस्था

ताकि भविष्य में उसको कभी भी खून की कमी ना हो और वह ग्रुप उस बच्चे को आसानी से ब्लड डोनेट कर सकें। लायंस क्लब ऑफ फरीदाबाद डिवाइन के लायन योगेश ने बताया कि महामारी के दौर में थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चों को खून की कमी से जूझना पड़ रहा था।

थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चों के लिए बनाई जा रही है 5 लोग भी शील्ड, फरिश्ता बनकर ऊभर रही है यह संस्था

जिसके चलते उनको कई बार काफी परेशानी का भी सामना करना पड़ा। इन्हीं परेशानियों और उन बच्चों के भविष्य को देखते हुए लायंस क्लब सफेदाबाद डिवाइन के द्वारा एक मुहिम शुरू की गई है। जिसमें 5 लोगों का एक ग्रुप बनाया जाएगा और वह ग्रुप एक थैलेसीमिया ग्रस्त बच्चे को गोद लेगा और उसको खून देने की जिम्मेवारी उस ग्रुप के 5 लोगों की होगी।

थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चों के लिए बनाई जा रही है 5 लोग भी शील्ड, फरिश्ता बनकर ऊभर रही है यह संस्था

उन्होंने बताया कि अभी तक पांच ग्रुप बन चुके हैं। जिन्होंने एक- एक बच्चे को गोद ले लिया है। जब भी उस बच्चे को खून की जरूरत हो गई तब उस ग्रुप के मेंबर उसको खून डोनेट करेंगे। उन्होंने बताया कि इस मुहिम से आने वाले समय में कभी भी थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चों को किसी प्रकार की कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

इसलिए  उनके द्वारा यह मुहिम शुरू की गई है। आने वाले समय में ग्रुप की संख्या में भी इजाफा होगा और जिले के जितने भी थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चे हैं उनको समय-समय पर ब्लड आसानी से मिल सकेगा।