Homeइस खास फसल की खेती से इस गांव को मिली नई पहचान,...

इस खास फसल की खेती से इस गांव को मिली नई पहचान, हर ग्रामीण कर रहा गर्वित एहसास

Published on

किसी भी जगह की खास पहचान वहां की कोई जानी – मानी चीज होती है जो विश्वप्रसिद्ध होती है। हीरे की खदान, मंदिरों और जंगलों के लिए मशहूर पन्ना जिला अब आंवले के मुरब्बों के लिए जाना जाने लगा है, एक छोटे से गाँव की भगवती यादव इन मुरब्बों से अपने साथ ही जिले का भी नाम कर रही हैं। पन्ना जिले के छोटे से गाँव दहलान चौकी भगवती यादव एक पैर से दिव्यांग हैं, लेकिन उनके मुरब्बा बनाने के हुनर ने उन्हें कमाई का जरिया भी दे दिया है।

मध्यप्रदेश एक आंवला प्रदेश राज्य है ऐसा काफी बार सुना होगा आपने भी। भगवती की कामयाबी से गांव की अन्य दूसरी महिलाएं भी स्वावलंबी बनने की राह पर चलने के लिए प्रेरित हुई हैं। जिला मुख्यालय पन्ना से महज 10 किलोमीटर दूर पन्ना-अजयगढ़ मार्ग पर सड़क के किनारे दहलान चौकी गांव स्थित है। अब यह छोटा सा गांव आंवला मुरब्बा के लिए जाना जाता है।

इस खास फसल की खेती से इस गांव को मिली नई पहचान, हर ग्रामीण कर रहा गर्वित एहसास

यहां निर्मित स्वादिष्ट और जायकेदार मुरब्बा को खरीदने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। इस समूह में कई महिलाएं काम करती हैं और जिन से इन महिलाओं को रोजगार भी मिलता है। इस समूह में आला से संबंधित सभी प्रकार के प्रोडक्ट तैयार किए जाते हैं, जैसे आंवला मुरब्बा आंवला कैंडी आंवला के चूर्ण आदि सब कुछ तैयार किया जाता है और आंवला से तैयार होने वाले सभी प्रोडक्टों के बारे में बताया जाता है कि किस प्रकार से इसका यूज करना है।

इस खास फसल की खेती से इस गांव को मिली नई पहचान, हर ग्रामीण कर रहा गर्वित एहसास

इस इलाके में वह हर महिला के लिए एक प्रेरणा बन गयी हैं। यहां सड़क किनारे “मां दुर्गा स्वयं सहायता समूह का बोर्ड” लगा है, जिसकी अध्यक्ष भगवती यादव हैं। एक पैर से दिव्यांग होने के बावजूद काम के प्रति इनकी लगन व मेहनत देखने काबिल है। सड़क मार्ग के किनारे टेबल पर आंवला मुरब्बा के पैक डिब्बे रखकर उनकी बिक्री करते भगवती यादव अक्सर ही नजर आ जाती हैं।

इस खास फसल की खेती से इस गांव को मिली नई पहचान, हर ग्रामीण कर रहा गर्वित एहसास

यहां जो स्वाद मिलता है उसे लेने के लिए जो भी राहगीर उस सड़क से गुजरता से रुकता ज़रूर है। इन्हें दूर-दूर से आर्डर आते हैं और फिर यह लोग अपना मुरब्बा उनको भेजते हैं।

Latest articles

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के...

More like this

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...