हरियाणा में अब वाहन चालकों के लिए एक दमदार खबर सामने आई है । राज्य सरकार से यातायात नियमों के उल्लंघन पर केंद्र सरकार द्वारा तय जुर्माने की राशि में कमी करने का फैसला किया है। आपको बता दें, मनोहरलाल सरकार ने ट्रैफिक नियमों के पांच तरह के उल्लंघन के लिए लगने वाले जुर्माने की राशि में छूट दी है। इसके साथ ही राज्य में अब कार्मशियल वाहनाें का पंजीकरण कराने में भी सरकार ने आसानी कर दी है।
हरियाणा में अब निजी वाहनों की तर्ज पर बस, ट्रक और टैंपू सहित अन्य व्यावसायिक (कामर्शियल) वाहनों का पंजीकरण भी डीलर करेंगे। इससे ट्रांसपोर्टरों और अन्य वाहन मालिकों को अपने वाहनों के पंजीकरण के लिए परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) सचिव के कार्यालयों में धक्के नहीं खाने पड़ेंगे। जल्द ही काम होंगे ज्यादा समय तक इंतजार भी नहीं करना पड़ेगा ।
परिवहन विभाग के प्रस्ताव पर मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अगुवाई में हुई मंत्रिमंडल की बैठक पर मोहर लगा दी गई है। इसके मुताबिक पूरी तरह से निर्मित व्यावसायिक वाहनों की खरीद के दौरान ही संबंधित डीलर रजिस्ट्रेशन फीस वसूल कर पाएगा और उसे सरकारी खजाने में भी भेजेगा । सभी दस्तावेज आनलाइन अपलोड किए जाएंगे और वहीं पर नंबर प्लेट और आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) भी आसानी से मिल जाएगी।
मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन करते हुए सभी तरह के चालान मौके पर ही भरने की सुविधा भी दी गई है। इन चालान को भरने के लिए पहले की भांति किसी दूसरी जगह नहीं जाना पड़ेगा। परिवहन महकमे ने ट्रैफिक नियमों में पांच तरह के उल्लंघन के मामलों में चालान राशि कम करने का निर्णय भी ले लिया है।
ये जुर्माने होंगे कम
इसके तहत मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 184, 190 (2), 192, 194 (1ए) और 194 (एफ) शामिल है जिसमें जुर्माना राशि केंद्र की तरफ से तय राशि से कम की जाएगी। धारा 184 में खतरनाक ड्राइविंग, वाहन चलाते हुए मोबाइल का प्रयोग, टीवी-वीडियो देखना शामिल है। धारा 190 (2) में ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण, 192 में ओवरलोडिंग, 194 (1ए) में ओवर साइज वाहन और 194 (एफ) में प्रतिबंधित जोन में हार्न का प्रयोग करना शामिल है।
कई महकमों के अफसरों से चालान करने की शक्तियां वापस ली गई
मोटर व्हीकल एक्ट के तहत सिर्फ जिला प्रशासन, परिवहन विभाग के अधिकारी और पुलिस अधिकारी ही चालान कर सकेंगे। प्रदेश सरकार ने पहले दूसरे विभागों के अधिकारियों को भी चालान करने को शक्तियां दी थी, मगर अब इसे वापस ले लिया गया है।
सिर्फ ये अधिकारी कर सकेंगे चालान
मोटर वाहन विभाग का पुनर्गठन किया गया है और इसके तहत विभिन्न अफसरों को चालान करने की पावर दी गई है। इनमें परिवहन आयुक्त, परिवहन महानिदेशक, निदेशक, उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त जिला उपायुक्त, अतिरिक्त/संयुक्त परिवहन आयुक्त, अतिरिक्त/संयुक्त परिवहन निदेशक, एसडीएम, आरटीए सचिव, सिटी मजिस्ट्रेट, रोडवेज महाप्रबंधक, फ्लाइंग स्क्वायड अफसर, यातायात प्रबंधक, मोटर व्हीकल अफसर (एनफोर्समेंट), मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (एनफोर्समेंट), आरटीए सहायक सचिव शामिल हैं जो मोटर वाहन विभाग के अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे। पुलिस विभाग के एएसआइ रैंक से ऊपर के अफसरों को भी शहरों और कस्बों के बाहर चालान अधिकारी माना जाएगा।