अगर आपके बच्चे भी किसी कारणवश स्कूल में पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं, तो उनके लिए सरकार के द्वारा एक दूसरे का मौका दोबारा से दिया जा रहा है। जिसके चलते आपके बच्चे का भविष्य दोबारा से सुन रहे हो सकता है। इसके लिए बस आपको आपके आसपास बने सरकारी स्कूल में जाकर बच्चे का दोबारा से एडमिशन करवाना होगा।
इसके लिए आपको किसी प्रकार की कोई भी दस्तावेज देने की जरूरत नहीं है। क्योंकि स्कूल में दाखिला होने के बाद बच्चे का आधार कार्ड व बर्थ सर्टिफिकेट बनाने की जिम्मेवारी स्कूल प्रशासन की होगी।
इसीलिए अगर आपका बच्चा भी किसी कारणवश पहली व दूसरी क्लास में नहीं पढ़ पाया था, तो आप अपने बच्चे का भविष्य दोबारा से उजागर कर सकते हैं।
स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर के द्वारा इस पत्र जारी किया गया है। जिसमें उन्होंने कहां है कि किसी भी कारणवश पहली व दूसरी क्लास के बच्चों के द्वारा पढ़ाई छोड़ी गई थी। अब उन बच्चों को दोबारा से स्कूल में भर्ती कराने की जिम्मेवारी एरिया में बने स्कूल के टीचरों की है। वह उन बच्चों को ढूंढ कर उनके परिजनों से बात करके उनको स्कूल में वापस दाखिला दिलाने के लिए जागरूक करेंगे।
ताकि उन बच्चों का भविष्य अंधेरे में ना जाए। इस लेटर के माध्यम से उनको यह भी बताया गया है कि आउट ऑफ स्कूल चिल्ड्रन के तहत अगर कोई बच्चा वापस स्कूल में एडमिशन लेता है, तो उससे किसी प्रकार का कोई भी दस्तावेज नहीं लिए जाएंगे।
जैसे कि पहले आधार कार्ड और बर्थ सर्टिफिकेट देना अनिवार्य होता था। लेकिन इस कैटेगरी वाले बच्चों को कोई भी दस्तावेज देना अनिवार्य नहीं है। यह स्कूल साइड की जिम्मेवारी होगी की इन चिल्ड्रन का एडमिशन स्पेशल हेड के तहत किया जाए और उसके बाद उस बच्चे का आधार कार्ड व बर्थ सर्टिफिकेट बनाने की जिम्मेदारी भी स्कूल हेड व क्लास इंचार्ज की होगी।
जो भी बच्चे इस दौरान एडमिशन लेता है, तो उसको सरकार के द्वारा जो भी बेनिफिट दिए जाएंगे। यह सभी स्कूल की जिम्मेदारी होगी। अगर इस बार में कोई भी स्कूल हेड और क्लास इंचार्ज अगर दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।