HomeFaridabadफरीदाबाद जिला प्रशासन की नई स्कीम 21 में 10 गुना हुए ….

फरीदाबाद जिला प्रशासन की नई स्कीम 21 में 10 गुना हुए ….

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देशभर में को रोना महामारी का प्रकोप अपने चरम पर है और रोजाना औसतन 8 से 10 हजार नए मामले इस घातक वायरस से संक्रमित मरीजों के भारत में सामने आ रहे हैं।लेकिन बात करें हरियाणा के फरीदाबाद जिले की तो फरीदाबाद में भी यह महामारी भयावह स्थिति में पहुंच चुकी है और रोजाना 40 से 50 नए मरीज जिले में इस महामारी से संक्रमित मरीजों के देखने को मिल रहे हैं।

फरीदाबाद जिले में नाजुक होती स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन तेजी से कंटेनमेंट जॉन की संख्याओं में विस्तार कर रहा है इसके चलते बीते कुछ दिनों में कंटेनमेंट जॉन की संख्या में 10 गुना वृद्धि देखने को मिली है और बीते गुरुवार को ही जिला प्रशासन द्वारा 64 नए कंटेनमेंट जोन घोषित किए गए हैं।

फरीदाबाद जिला प्रशासन की नई स्कीम 21 में 10 गुना हुए ….

जहां अप्रैल की शुरुआत में केवल 12 कंटेनमेंट जॉन जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए थे वहीं अब कुल 123 कंटेनमेंट जॉन बनाए जा चुके हैं जिनमें से कुछ घनी आबादी वाले रिहायशी क्षेत्र भी इस सूची में शामिल किए गए हैं।

लेकिन जहां पहले पूरे इलाके को कंटेनमेंट जॉन की सूची में डाला जा रहा था वहीं अब जिस क्षेत्र से कोरोना मरीज पाया जा रहा है उस एक गली एवं पॉकेट को कंटेनमेंट जॉन से घोषित किया जा रहा है जिससे अधिक लोगों को इस कार्यवाही के चलते दिक्कतों का सामना ना करना पड़े।

फरीदाबाद जिला प्रशासन की नई स्कीम 21 में 10 गुना हुए ….

इस प्रकार छोटे-छोटे अधिक संख्या में कंटेनमेंट जॉन बनाने का फरीदाबाद जिला प्रशासन का यह फैसला किस हद तक सही है इसका आंकलन तो नहीं किया जा सकता लेकिन इन सब में समस्या यह उत्पन्न हो रही है कि निर्धारित किए गए इन कंटेनमेंट क्षेत्रों में पुलिस की नियुक्ति ना होने के कारण लोगों से कंटेनमेंट जॉन के नियमों का पालन कराने में जिला प्रशासन को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

प्रशासन का कहना है कि उनके पास इतने पुलिसकर्मी नहीं है कि वे प्रत्येक कंटेनमेंट जॉन में तैनात कर सके लेकिन पुलिसकर्मियों की गैर हाजिरी मे लोगों से कंटेनमेंट क्षेत्रों का नियमों का पालन करा पाना काफी मुश्किल साबित हो रहा है।

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वही कंटेनमेंट जॉन की संख्या बढ़ने के कारण स्वास्थ्य कर्मियों पर भी दबाव बढ़ता हुआ नजर आ रहा है क्यूंकि कंटेनमेंट जॉन के 1000 मीटर के दायरे में बफर जोन घोषित किया जाता है जहां पर सुरक्षाकर्मी घर घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग करते हैं ताकि कोरोना संदिग्धो का पता लगाया जा सके।

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