ई-व्हीकल निर्माण के क्षेत्र में हरियाणा को पूरे देश में नंबर बनाने की कवायद शुरू

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चंडीगढ़, 16 जून- हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि ‘ई-व्हीकल’ (बिजली से चालित वाहन) निर्माण के क्षेत्र में भी हरियाणा पूरे देश में अग्रणी बने, इसके लिए एक विशेष कलस्टर तैयार करने पर विचार किया जा रहा है।


डिप्टी सीएम, ने यह जानकारी आज यहां ‘ई-व्हीकल पोलिसी’ गठन को लेकर वीडियो कान्फ्रेंसिंग द्वारा कार निर्माता कंपनियों के प्रतिनिधियों से बात करने के बाद दी। इस अवसर पर हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव श्री विजयेंद्र कुमार, महानिदेशक श्री साकेत कुमार, परिवहन आयुक्त श्री अमिताभ ढिल्लो समेत कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

ई-व्हीकल निर्माण के क्षेत्र में हरियाणा को पूरे देश में नंबर बनाने की कवायद शुरू


उपमुख्यमंत्री की उपस्थिति में मारूति सुजुकि इंडिया लिमिटेड,हीरो कॉरपोरेट सर्विसिज लिमिटेड, जेबीएम ग्रुप, मिंडा ग्रुप, होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड,अमारा राजा ग्रुप, महिंद्रा इलैक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड,एथर एनर्जी, मैसर्ज एस्कॉर्ट लिमिटेड, नेसकॉम, फिक्की, एसोचैम, रूचि ग्रीन अर्थ समेत विभिन्न प्रसिद्घ कंपनियों व संगठनों के प्रतिनिधियों ने हरियाणा सरकार द्वारा ‘ई-व्हीकल पोलिसी’ के तैयार किए गए ड्राफ्ट की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह अदभूत पोलिसी है

ई-व्हीकल निर्माण के क्षेत्र में हरियाणा को पूरे देश में नंबर बनाने की कवायद शुरू

जिससे हरियाणा राज्य ऑटोमोबाइल की तरह ‘ई-व्हीकल’ निर्माण के क्षेत्र में भी अग्रणी साबित होगा। इन प्रतिनिधियों ने अपने-अपने सुझाव भी दिए।
श्री दुष्यंत चौटाला ने उक्त कंपनियों के प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए सुझावों को राज्य सरकार की प्रस्तावित ‘ई-व्हीकल पोलिसी’ के लिए अहम बताया और कहा कि इस पोलिसी को अंतिम रूप देते वक्त उक्त सुझावों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

ई-व्हीकल निर्माण के क्षेत्र में हरियाणा को पूरे देश में नंबर बनाने की कवायद शुरू


उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का विचार है कि प्रदेश के सरकारी विभागों में अधिक से अधिक ‘ई-व्हीकल्स’ का प्रयोग किया जाए तथा चंडीगढ़, पंचकूला, गुरुग्राम व फरीदाबाद जैसे बड़े शहरों के साथ-साथ अन्य शहरों में भी बड़े व छोटे सचिवालयों में ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएं। उन्होंने बताया कि बागवानी जैसे क्षेत्र में भी ई-ट्रैक्टर का प्रयोग किया जा सकता है, इसके लिए संभावनाएं तलाशी जाएंगी।