इस किसान ने किया कमाल, गन्ने के नहीं, तरबूज के रस से ऐसे बना दिया गुड़, लोगों को बांट रहा फ्री में

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    जिसने भी जरा सा हटकर काम किया, उसको सफलता जरूरी मिली। यह बात एकदम सही है। इस बात के विपरीत हम नहीं जा सकते। कर्नाटक के एक किसान ने अपने प्रयोग से कमाल कर दिया है। इसके बारे में जो भी सुन रहा है, वह आश्यर्च चकित रह जा रहा है। दरअसल, इस किसान ने तरबूजे के रस से गुड़ बनाया है। आम तौर पर हम गन्ने और खजूर के रस से बने गुड़ के बारे में ही जानते हैं।

    खेती का भविष्य बहुत ही उज्जवल हो रहा है। कर्नाटक के इस किसान के प्रयोग के बाद अब बाजार में तरबूजे के रस से बना गुड़ मिले तो आपको ताज्जुब नहीं करना चाहिए।

    इस किसान ने किया कमाल, गन्ने के नहीं, तरबूज के रस से ऐसे बना दिया गुड़, लोगों को बांट रहा फ्री में

    भारत में अब खेती का भविष्य अच्छा नजर आ रहा है। हर कोई किसान बनना चाहता है। कर्नाटक के शिवमोगा जिले के रहने वाले किसान जयराम नगैय्या शेट्टी पहले मुंबई में होटल चलाया करते थे। लॉकडाउन के दौरान वे अपने घर लौटे और होटल के कर्मचारियों के साथ मिलकर तरबूजे की खेती करने लगे। इस बार उन्होंने उस रस से गुड़ बनाया है। उनकी इस प्रयोग से इलाके के किसान काफी प्रभावित हो रहे हैं।

    इस किसान ने किया कमाल, गन्ने के नहीं, तरबूज के रस से ऐसे बना दिया गुड़, लोगों को बांट रहा फ्री में

    नौकरी छोड़कर लोग खेती की तरफ आ रहे हैं। हर कोई खेती करना चाहा रहा है। शेट्टी ने तीन एकड़ जमीन पर तरबूजे की खेती की थी। लेकिन उचित दाम नहीं मिलने के कारण वे इसे बेच नहीं रहे थे। उन्होंने सोचा कि पैदावार को नष्ट करने की बजाय कुछ अलग आजमाना चाहिए। यहीं से प्रेरणा लेकर उन्होंने तरबूजे के रस से गुड़ का उत्पादन कर दिया। उनके पास इस समय 200 किलो गुड़ है, जिसे वे लोगों में फ्री में बांट रहे हैं।

    इस किसान ने किया कमाल, गन्ने के नहीं, तरबूज के रस से ऐसे बना दिया गुड़, लोगों को बांट रहा फ्री में

    इस गुड़ का स्वाद लोग बताते हैं कि बेहद ही स्वादिष्ट है। मीठा भी अच्छा है। शेट्टी बताते हैं कि तरबूज के रस को दो घंटे तक ही उबालना सही रहता है। इससे ज्यादा देर तक उबालने पर यह ताजगी खो देता है और कड़वा लगने लगता है। उन्होंने बताया कि 100 लीटर तरबूजे के रस से 8 किलो गुड़ आसानी से बन जाता है। किसानों से अपील करते हुए शेट्टी कहते हैं कि उन्हें अपने उत्पादों से बाई प्रोडक्ट बनाना चाहिए, ताकि नुकसान से बचा जा सके।