महामारी के दौर में जहां बच्चों की पढ़ाई छूट दी गई है, वहीं सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई भी नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि उनके पास ना तो स्मार्टफोन की सुविधा है और ना ही इंटरनेट की। जिसकी वजह से पिछले 2 साल से सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को शिक्षा पर काफी प्रभाव पड़ा है।
कई बच्चों ने पढ़ाई छोड़ दी है, क्योंकि उनके पास ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए साधन नहीं थे। इसी वजह से शिक्षा विभाग के द्वारा बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए प्लानिंग की जा रही है। जिसमें सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को बेहतर तरीके से पढ़ाने के लिए प्लानिग की गई है।
जिसके लिए आनलाइन तरीके से पढ़ाने के लिए ई विद्यालय योजना शुरू की है। इस योजना को तीन स्तर में पूरा किया जाएगा। योजना में जिन विद्यार्थियों के पास स्मार्टफोन नहीं है, उनकी मदद आसपास के स्कूल शिक्षक, अभिभावक व स्कूल प्रबंधन कमेटी के सदस्य मिलकर करेंगे। जिससे विद्यार्थियों को शिक्षित किया जा सके।
इसी के साथ जिन विद्यार्थियों के पास इंटरनेट और स्मार्टफोन है उनको गूगल मीट और जूम जैसे चैनलों से जोड़कर पढ़ाई करवाई जाएगी। जिन विद्यार्थियों के पास कम रेंज का इंटरनेट है, उनसे शिक्षक टेलीकान्फ्रेंसिग के माध्यम से संवाद स्थापित करेंगे।
वाट्सएप ग्रुप से भी पढ़ाया जाएगा
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने ई विद्यालय कान्सेप्ट शुरू किया है। इसके लिए तैयारी पूरी कर ली है। इसके बाद सक्षम वाट्सएप ग्रुप से भी पढ़ाने का कार्य किया जाएगा। महामारी में सरकारी स्कूल में एक जुलाई से आनलाइन कक्षाएं शुरू होगी। जिसके लिए पूरी तरह से तैयारियां पूरी कर ली गई है।
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले जिन विद्यार्थियों के पास इंटरनेट और स्मार्टफोन है। उनको गूगल मीट और जूम जैसे चैनलों से जोड़कर पढ़ाई करवाई जाएगी। इसी के साथ जिन विद्यार्थियों के पास स्मार्टफोन नहीं है। उनकी मदद आसपास के स्कूल शिक्षक, अभिभावक व स्कूल प्रबंधन कमेटी के सदस्यों से लेंगे। जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई सही तरीके से चले।