महामारी का दौर अभी खत्म नहीं हुआ है और इस महामारी से लड़ने के लिए सभी टीकाकरण अभियान में भाग ले रहे हैं। इस समय हर व्यक्ति को टीका लगवाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। टीका लगाने से हमारा शरीर और ज्यादा ताकतवर हो जाता है जिससे हम किसी भी बीमारी से लड़ सकते हैं और ना ही किसी महामारी की चपेट में आ सकते हैं।
जब भी कोई इंजेक्शन या फिर वैक्सीन आती है, तो सबसे पहले उसका ट्रायल लिया जाता है, कि उस वैक्सीन में अगर कोई दुष्प्रभाव होता है तो उसको समय रहते हैं रख दिया जाएगा इसीलिए वैक्सीन को देशभर में लॉन्च करने से पहले उसका ट्रायल सेशन किया जाता है।
एनआईटी थे नंबर ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में तीसरी वैक्सीन का ट्रायल सेशन शुरू हो गया है। जिसमें अभी तक 90 लोगों की स्क्रीन की गई है और उस 90 लोगों में से मात्र 7 लोगों को ही वैक्सीन लगाई गई है।
इस ट्रायल सेशन में जो भी व्यक्ति भाग ले रहा है उसकी पहले पूर्ण रूप से जांच की जाती है और उस जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही उसको अपने स्क्रीन लगाई जाती है। पिछले 4 दिनों में 90 लोगों का टेस्ट किया गया है। जिसमें से सिर्फ 7 लोग ही पास हो पाया। बाकी अन्य लोगों को रिजेक्ट कर दिया गया है और इसका मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि वह लोग पहले कभी ना कभी महामारी की चपेट में आ चुके हैं।
उन्होंने इसके बारे में अस्पताल के स्टाफ को नहीं बताया था। लेकिन जब उनके द्वारा टेस्ट किया गया, तो इस बात का खुलासा हुआ कि वह पहले भी महामारी की चपेट में आ चुके हैं। इसलिए इन लोगों को रिजेक्ट कर दिया गया है। लेकिन इन लोगों को फेस 3 यानी 15 दिन बाद बुलाया जाएगा और तब उन्हें वैक्सीन लगाई जाएगी। इस वैक्सीन कि 2 डोज लगाई जाएगी। इसका दुसरा डोज 28 दिनों बाद लग जाएगी ।
यह वैक्सीन लगने के बाद व्यक्ति को करीब एक घंटा वहीं पर वेटिंग रूम इंतजार करना पड़ता है अगर इस दौरान उसको व्यक्तियों से किसी प्रकार की कोई परेशानी होती है तो उसके लिए पूरी टीम वहां मौजूद होती है उसका उपचार करने के लिए । इस ट्रायल में भाग लेने के लिए अगर आप भी वालंटियर बनाना चाहते हैं तो Https://forms.gle/RUPgqNb6nvNUTu9 पर पंजीकरण कर सकते हैं और वॉलिंटियर बन सकते हैं। जो भी व्यक्ति ट्रायल में भाग लेगा उसको ₹500 ट्रैवल अनाउंसर्स के तौर पर दिए जाएंगे।