स्मार्ट सिटी फरीदाबाद में स्लम बस्ती के लोगों के लिए बनाए गए फ्लैटों को किराए पर देने के लिए नगर निगम ने निविदाएं जारी कर दी हैं। पीपीपी मोड पर इन फ्लैटों का नवीनीकरण किया जा सकेगा।
जो कंपनी इन फ्लैटों को लेगी, वहीं इनकी मरम्मत करेगी और वही कंपनी लोगों से किराया वसूली करेगी। उम्मीद की जा रही है कि इन फ्लैटों को प्राथमिकता के तौर पर खोरी के लोगों को किराए पर दिया जा सकेगा।
डबुआ कालोनी में करीब 1776 और बापू नगर में करीब 779 खाली जर्जर अवस्था में पड़े इन फ्लैटों पर करीब 18 करोड़ रुपये की लागत आएगी। नगर निगम ने एनबीसीसी से अनुमानित लागत तैयार कराई हैं।
अब कोई कंपनी इन फ्लैटों की मरम्मत करवाकर नगर निगम के मुताबिक लोगों को किराए पर देगी और संबंधित कंपनी इन लोगों से किराया वसूली करेगी। हरियाणा आवास योजना के तहत इन फ्लैटों को जरुरतमंदों को किराए पर दिया जा सकेगा।
हरियाणा सरकार ने इन फ्लैटों को अन्य प्रदेशों से आए श्रमिकों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देने की योजना बनाई हैं। राज्य सरकार ने इन फ्लैटों को किराए पर देगी। लेकिन अधिकारियों की नगर निगम की लापरवाही के कारण योजना सिरे नहीं चढ़ी है और श्रमिकों को फ्लैट नहीं दिए गए।
जबकि सरकार ने इनका किराया दो से तीन हजार रुपये प्रतिमाह तय करने का सुझाव भी नगर निगम को दिया था। नगर निगम या राज्य सरकार चाहे तो स्लम बस्तियों में रहने वाले लोगों को इस फ्लैटों में किराए पर बसाया जा सकता है।
शहर को स्लम फ्री करने के लिए केंद्र सरकार ने 16 साल पहले जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन योजना बनाई गई थी। जिसके तहत डबुआ और बापू नगर में 3248 मकना बनाए गए थे।
इनमें बापू नगर में बनाए गए 1280 मकानों में से करीब 150 लोगों को फ्लैट आवंटित कर दिए गए और डबुआ कॉलोनी में 1968 में से करीब 200 लोगों को फ्लैट आवंटित किए गए। करीब तीन सौ रुपये किश्त के आधार पर एक कमरे, हॉल, किचन, शौचालय का एक फ्लैट दिया गया।
बापूनगर और डबुआ कॉलोनी में बने फ्लैटों की किराए पर दिया जाएगा। पहले कोई कंपनी इन फ्लैटों की पहले मरम्मत करेगी, फिर किराए पर दिए जा सकेंगे।
-डॉ. गरिमा मित्तल, आयुक्त, नगर निगम