फरीदाबाद : सुप्रीम कोर्ट के खोरी गांव में तोड़फोड़ के आदेश के बाद खोरी गांववासियों पर खतरे की तलवार लटकी है। लोगों का आशियाना उजड़ने वाला है और गरीब लोगों के पास कोई और चारा भी नहीं है। इस कारण यह कुछ लोगो ने गाँव से पलयान शुरू कर दिया है गाँव में धारा 144 भी लग चुकी है .
जिसमे एक स्थान पर 5 या 5 से अधिक लोगो खड़े होने की इज़ाज़त नहीं है प्रसाशन के सख्त आदेश की पालना के लिए वंहा पर पुलिस फ़ोर्स बल भारी मात्रा में तैनात किये है लेकिन भारी पुलिस बल तैनाती से पुरे खोरी के चप्पे परखडी पुलिस को अब उस गांव से विभाजित कर दिया है
आधी पुलिस बल को खोरी गांव में आधे को चर्मवुड गाँव की सीमा पर तैनात किया गया है हुआ यूं कि कल एक बुजुर्ग द्वारा आत्महत्या का मामला होने के कारण बुधवार को भारी फाॅर्स मौजूद थी ताकि वंहा पर किसी प्रकार की कोई अनहोनी ना हो । खोरी धारा 144 के लागू होने के बाद भी वहाँ पर किसी भी बाहरी व्यक्ति के आने की अनुमति नही है
वही सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फरीदाबाद के खोरी गांव में जंगल की जमीन में अनधिकृत रूप से घर बनाने वाले 10 हजार परिवारों के घरों को गिराने के अपने आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आदेश पर रोक लगाने से इनकार के बाद अब सैकड़ों परिवारों को बेघर होने का डर है. सुप्रीम कोर्ट ने 7 जून को जंगल की जमीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था.
बतादे की फरीदाबाद नगर निगम को फटकार लगाते हुए कहा कि हाई कोर्ट ने 2016 में जमीन खाली कराने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा जरूरत पड़े तो पुलिस फोर्स का इस्तेमाल किया जाय. कोर्ट ने कहा राज्य सरकार पुलिस सहित जरूरी सहायता उपलब्ध कराएगी. जंगल की जमीन के मामले में कोई समझौता नहीं किया जा सकता है