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खोरी प्रकरण : आशियाना खोने के दर्द के साथ गांववासियों के सामने आ रही है एक और मुसीबत, जाने क्या है मामला

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खोरी गांव के लोगों को कई दिनों से अपने आशियाने खोने की चिंता सता रही है तो वहीं दूसरी ओर महंगा किराया भी उनकी परेशानी का कारण बना हुआ है। कोर्ट के आदेश के बाद आस–पास के रिहायशी इलाकों में भी किराया महंगा हो गया।

महामारी और लॉकडाउन के कारण जिन लोगों ने अपनी नौकरी गवा दी और काम–धंधा बंद होने की वजह से उनको दुगने दामों पर मकान खरीदना पड़ा। लोग कार्रवाई के डर से घरों को खाली कर रहे हैं और दूसरी जगह शिफ्ट हो रहे हैं।

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सुप्रीम कोर्ट ने 10 दिन पहले सरकार को अरावली क्षेत्र के खोरी गांव को खाली करवाने के आदेश दिए थे ताकि फिर से वहां जंगल बनाया जा सके। यहां करीब दस हजार घरों को तोड़ा जाना है। कोर्ट के आदेशों के बाद जिला प्रशासन, नगर निगम, पुलिस प्रशासन और जिला स्वास्थ्य विभाग ने गांव में तोड़–फोड़ की तैयारियां शुरू कर दी हैं।

लोगों को कुछ दिनों का समय दिया गया है जिससे वे स्वयं घरों को खाली कर दें ताकि उनका ज्यादा नुकसान ना हो। प्रशासन की ओर से की गई अपील में लोगों को जागरूक किया जा रहा है ताकि वे जल्दी से जल्दी घरों को खाली करें। लोगों के बीच की मुनादी कराई जा रही है। किसी भी प्रकार की अनहोनी न हो इसके लिए भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है।

खोरी प्रकरण : आशियाना खोने के दर्द के साथ गांववासियों के सामने आ रही है एक और मुसीबत, जाने क्या है मामला

गांव के लोगों की मांग है कि तोड़फोड़ करने से पहले उनके विस्थापन पर शीघ्र ही कार्रवाई की जाए। हालांकि, प्रशासन और सरकार की ओर से इस संबंध में अभी तक कोई फैसला नहीं किया गया है। जैसे-जैसे तोड़फोड़ का समय नजदीक आ रहा है लोग अपने घरों को खाली करके जा रहे हैं। जो लोग अब भी वहां मौजूद हैं वे अब शांत हो चुके हैं परंतु इसके संबंध में कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।

गुरुवार को भी काफी लोग वहां से पलायन करते हुए दिखाई दिए। कई गलियों में 50 फ़ीसदी घर खाली हो चुके हैं। वहां के निवासियों का कहना है कि कोर्ट का आदेश है तो मानना ही पड़ेगा। प्रशासन ने बिजली-पानी के कनेक्शन भी काट दिए हैं और इस भीषण गर्मी में बिना बिजली और पानी के यहां नहीं रहा जा सकता।

खोरी प्रकरण : आशियाना खोने के दर्द के साथ गांववासियों के सामने आ रही है एक और मुसीबत, जाने क्या है मामला

इसके कारण दिल्ली में भी किराया काफी महंगा हो गया है। आसपास के इलाकों का भी यही हाल है 10 दिन पहले तक जो कमरा दो हजार रुपए का था अब उसका किराया बढ़ाकर चार हजार कर दिया गया है।

वहां के निवासियों का कहना है कि हम घर खाली जरूर कर रहे हैं लेकिन किसी भी कीमत पर जमीन नहीं छोड़ेंगे। महामारी के कारण डेढ़ साल से काम धंधा चौपट है ऐसे में महंगे किराए की वजह से और परेशानी बढ़ गई है। दिन में हम किराए के मकान में रहते हैं और रात में यहां।

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गांव के काफी लोग किराए के मकान में चले गए हैं। ये लोग दिन में फोन आदि चार्ज करने और पानी के लिए किराए के मकान में रहते है और रात के समय गांव में वापस आ जाते हैं। लोगों को यह डर सता रहा है कि अगर रात में प्रशासन ने खाली घर देखें तो कहीं वे इसे तोड़ न दे।

नगर निगम आयुक्त डॉ. गरिमा मित्तल का कहना है कि हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि तोड़फोड़ के दौरान कोई नुकसान ना हो। इसलिए लोगों को घर खाली करने को कहा जा रहा है। निगम की ओर से लगातार अपील की जा रही है और इसका असर भी देखने को मिल रहा है लोग अपना सामान लेकर यहां से पलायन कर रहे हैं और तोड़–फोड़ की कार्रवाई को जल्दी ही अंजाम दिया जाएगा।

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