हरियाणा के मुख्यमंत्री की घोषणा 1200 अवैध वस्तियों का होगा पुनर्वास, 45 हजार परिवार होंगे लाभान्वित

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प्रदेश में अवैध कॉलोनियों को लेकर सरकार कठोर कदम उठाते हुई नज़र आ रही हैं। इसका एक मामला शहर के खोरी गांव का सामना आया हैं, जहां सुप्रीम कोर्ट ने जंगल की ज़मीन पर अतिक्रमण करके बनाए गए 10 हज़ार से अधिक घरों को गिराए जाने का आदेश दिया हैं।

आपको बता दे कि सरकार के पास पूरे प्रदेश और एनसीआर सहित 1200 कॉलोनियों को नियमित करने के आवेदन आये हैं। इन आवेदनों को ध्यान में रखते हुए सरकार इन 1200 कॉलोनियों को नियमित करने का निर्णय लिया हैं।

हरियाणा के मुख्यमंत्री की घोषणा 1200 अवैध वस्तियों का होगा पुनर्वास, 45 हजार परिवार होंगे लाभान्वित

गुरुवार को अपनी प्रेसवार्ता में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कॉलोनियों के नियमितीकरण की घोषणा की और साथ ही खोरी के और हरियाणा के लोगों के लिए पुनर्वास का इंतज़ाम करने के लिए डीसी को आदेश दिए।

अनेक लोगों ने दिल्ली व अन्य राज्यो से आकर यहां घर बनाए थे, जिनके पुनर्वास का इंतज़ाम हरियाणा सरकार द्वारा नही किया जाएगा। इन 1200 कॉलोनियों के नियमित होने से 45 हज़ार से अधिक परिवारों को राहत मिलेगी।

हरियाणा के मुख्यमंत्री की घोषणा 1200 अवैध वस्तियों का होगा पुनर्वास, 45 हजार परिवार होंगे लाभान्वित

आपकी जानकारी के लिए आपको बता दे कि सबसे ज्यादा अवैध कॉलोनियों एनसीआर के फरीदाबाद, गुरुग्राम, सिरसा आदि जिलों में बसी हुई हैं। इन सब निवासियों के आवेदन सरकार के पास आये हुए थे, जिनकी जांच के बाद ही सरकार ने यह निर्णय लिया।

कॉलोनियों में रहने वाले लोगो से बिजली, पानी, सीवर आदि विकास शुल्क लिया जाएगा। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद अब कॉलोनियों में सीवर, बिजली कनेक्शन का काम शुरू होगा और इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विकास शुल्क लेकर इन कॉलोनियों को नियमित किया जाएगा और भविष्य में अवैध कॉलोनी काटने वालों पर सख्त कारवाई की जाएगी और किसी भी कॉलोनी को नियमित नही किया जाएगा।

हरियाणा के मुख्यमंत्री की घोषणा 1200 अवैध वस्तियों का होगा पुनर्वास, 45 हजार परिवार होंगे लाभान्वित

इन कॉलोनियों में हज़ारों लोगों ने अपने पूरे जीवन भर की कमाई यहा मकान बनवाने में लगवाई थी, जिसकी वजह से लोग लगातार कॉलोनियों को नियमित करने की मांग कर रहे थे। विधानसभा में भी अनेकों विधयकों नै इसे नियमित करने की मांग की। इन सब चीज़ों को ध्यान में रखते हुए सहानभूति पूर्वक यह निर्णय लिया गया।

Written by : Ankita Gusain