पढ़ाई को नहीं लेते थे गंभीर, UPSC ने बदली पढ़ाई को लेकर इनकी सोच सालों संघर्ष करने के बाद हुए सफल

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    संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा को पास कर IAS-IPS या अफसर बनने का सपना हर कोई देखता है। इस सपने को कुछ लोग सच कर दिखाते हैं तो कुछ असफल हो जाते हैं। यूपीएससी को लेकर समाज में कई तरह की अफवाहें फैली हुई हैं। इनमें एक अफवाह यह भी है कि इस परीक्षा को केवल ब्रिलियंट स्टूडेंट ही पास कर सकते हैं। जबकि हर साल तमाम ऐसे लोग इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करते हैं, जो पहले कभी एवरेज स्टूडेंट रहे थे।

    इस परीक्षा को जब कोई एवरेज स्टूडेंट पास करता है तो वह सभी के लिए प्रेरणा बन जाता है। हर कोई उससे टिप्स माँगना चाहता है। ऐसे लोग समाज में प्रेरणा का स्रोत बनते हैं और तैयारी करने वाले तमाम स्टूडेंट इनसे मोटिवेट होते हैं। आज आपको यूपीएससी परीक्षा 2018 के टॉपर जुनैद अहमद की कहानी बताएंगे।

    पढ़ाई को नहीं लेते थे गंभीर, UPSC ने बदली पढ़ाई को लेकर इनकी सोच सालों संघर्ष करने के बाद हुए सफल

    यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पास करने वाले ही देश के नौकरशाह बन पाते हैं। यह हर किसी का सपना होता है। ग्रेजुएशन तक जुनैद अपनी पढ़ाई को लेकर गंभीर नहीं थे। इंटरमीडिएट तक उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने इग्नू से डिस्टेंस लर्निंग के जरिए अपनी ग्रेजुएशन पूरी की। ग्रेजुएशन के आखिरी साल में उन्होंने यूपीएससी में जाने का मन बनाया। जुनैद के इस सपने ने उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल दी।

    पढ़ाई को नहीं लेते थे गंभीर, UPSC ने बदली पढ़ाई को लेकर इनकी सोच सालों संघर्ष करने के बाद हुए सफल

    यूपीएससी की परीक्षा में प्राप्त रैंकिंग के आधार पर ही भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) या भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में चयन होता है। उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के लिए जामिया रेजिडेंशियल कोचिंग ज्वाइन कर ली। यहां उन्होंने कड़ी मेहनत कर तैयारी शुरू कर दी। जुनैद अहमद लगातार तीन बार यूपीएससी में फेल हो गए। इस दौरान उन्होंने काफी धैर्य का परिचय दिया और चौथा प्रयास किया।

    पढ़ाई को नहीं लेते थे गंभीर, UPSC ने बदली पढ़ाई को लेकर इनकी सोच सालों संघर्ष करने के बाद हुए सफल

    सफलता की कहानियां लोगों को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं। इनकी कहानी से भी कई युवा प्रेरणा ले रहे हैं। चौथे प्रयास में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा तो पास कर ली लेकिन रैंक 352 आई। ऐसे में उनको आईआरएस सेवा मिली। जुनैद आईएएस अफसर बनने की ठान चुके थे। इसलिए उन्होंने पांचवा प्रयास किया। इस बार उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 3 हासिल कर अपना सपना पूरा कर लिया।