कहते हैं कि अगर कोई लड़ाई घर पर होती है, तो उसको वही कि वही खत्म कर देना चाहिए। ताकि आगे कोई रंजिश नहीं होनी चाहिए। क्योंकि वह रंजिश आगे जाकर बहुत बड़े हो जाती है और जिससे लोग एक दूसरे का नुकसान करने के बारे में सोचते हैं।
इसलिए कहते हैं कि लड़ाई जब हो तभी बात को वहीं की वहीं सूचना देना चाहिए। उस बात को आगे बढ़ाने का कोई भी फायदा नहीं है। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में देखने को मिला है। जहां पुरानी रंजिश के चलते कुछ लोगों के द्वारा एक व्यक्ति को चाकुओं से गोद कॉल कर मार दिया गया है।
और वह रंजिश पैसों को लेकर थी जो कि काफी समय से चल रही थी। थाना सदर बल्लभगढ़ से मिली जानकारी के अनुसार चंदावली के रहने वाले सोनू ने बताया कि मैं तो भाई है। उनके पिताजी जितेंद्र मिनरल वाटर का काम करते हैं। 18 जून को वह घर पर मौजूद थे करीब 4:00 बजे उनको सूचना मिली कि मेरा पिताजी जितेन्द्र, सन्दीप पुत्र दलीप उर्फ दली अहीर, सन्दीप पुत्र सतबीर जाट, कृष्ण पुत्र जगदीश उर्फ बाबा जी, जीत पुत्र खजान वासियान चन्दावली के साथ आई.एम.टी. की खाली पड़ी जमीन जो फायर बिग्रेड स्टेशन के पीछे सैक्टर 68 में शराब पी रहे हैं ।
जो मैं व प्रदीप पापा जितेन्द्र को लेने के लिए मौके के नजदीक पहुंचे तो हम दोनों ने देखा कि मेरे पिता जितेन्द्र को सन्दीप पुत्र दलीप उर्फ दली, सन्दीप पुत्र सतबीर व कृष्ण पुत्र जगदीश अपने अपने हाथों में लिए हुए चाकुओं से वार कर रहे थे। वहीं मौजूद जीत व तीन चार और जिनके नाम नहीं जानता सामने आने पर पहचान सकता हूं ।
जोकि मेरे पिताजी को पकड़े हुए थे व लात घूसों से मार रहे थे। जो हमारे शोर मचाने पर हमें देखकर मेरे पिताजी जितेन्द्र को वहीं छोड़कर अपने हथियार लेकर भाग गए। हमने वहां पर जाकर देखा तो मेरा पापा खून से लथपथ जमीन पर पड़े हुए थे। जब उन्होंने देखा तो उनके पिता जितेंद्र की मृत्यु हो चुकी थी। तभी जो कमल मौके पर आ गया और उसने 100 नम्बर पर कोल कर दिया ।
जो मेरे पिता जितेंद्र से सन्दीप का गाड़ी के पैसों के लेनदेन को लेकर कई दिनों से रंजिश रखा हुआ था। जो इसी रंजिश के कारण मेरे पिता जितेन्द्र की हत्या, सन्दीप ने अपने साथियों के साथ सन्दीप, कृष्ण, जीत व तीन चार अन्य के साथ मिलकर हत्या की है। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।