आज कल हमारे देश में कैशलेस ट्रांसक्शन का बड़ा ही ट्रेंड चल रहा हैं, पेमेंट छोटी हो या बड़ी सब ऑनलाइन मोड का ही इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। लेकिन आपको बता दे कुछ ऐसे लोग भी हैं जिन्हें कार्ड और ऑनलाइन मोड इस्तेमाल करना पसंद नही हैं।
कई लोग आज भी ऑनलाइन ट्रांसक्शन का इस्तेमाल न कर के, लेन देन के लिए बैंक जाना ही पसंद करते हैं। अगर आप भी लेन देन के लिए बैंक जाते हैं, तो बार बार पैसा निकलवाने के लिए बैंक जाना आपको महँगा पड़ सकता हैं।
आपको बता दे की बैंक ने अपने ब्रांच से पैसे निकलवाने के लिए एक लिमिट तय कर रखी हैं, ऐसे में ग्राहक एक लिमिट तक ही बैंक से पैसे निकलवा सकते हैं। अगर ग्राहक बैंक में जा कर उस लिमिट से ज्यादा ट्रांसक्शन करता हैं तो उसे चार्जस भरने पड़ते हैं।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अमाउंट के आधार पर बैंक से विड्रॉल की लिमिट तय कर रखी हैं, बैंक ने 25000 रुपये, 25000 से 50000, 50000 से 1,00,000 रुपये से ज्यादा की कैटेगरी के आधार पर लिमिट तय की हैं।
अगर ग्राहक तय लिमिट के बाद टट्रांसक्शन करते हैं तो उन्हें फीस का भुगतान करना पड़ता हैं। ट्रांसक्शन लिमिट कम्पलीट होने के बाद बैंक 50 रुपये प्रति ट्रांसक्शन ले आधार पर चार्ज लेता हैं।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की वेबसाइट में दी गई जानकारी के अनुसार ग्राहक हर महीने 25,000 रुपये तक दो, 25,000 से 50,000 रुपये तक 10, 50,000 से 1,00,000 रुपये तक 15 और 1,00,000 रुपये से ज्यादा ट्रांसक्शन में कोई लिमिट नही हैं।
अगर ट्रांसक्शन अमाउंट बड़ा है तो आपको कोई परेशानी नही आएगी लेकिन अगर ट्रांसक्शन अमाउंट छोटा बड़ा हो तो आपको ध्यान रखने की जरूरत हैं।आपको बता दे कि स्टेट बैंकऑफ इंडिया के नियमों के अनुसार इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करने पर कोई भी लिमिट नही रखी गई हैं।
ऐसे में आप अपनी जरूरत के हिसाब से कितनी भी ऑनलाइन ट्रांसकेशन कर सकते हैं। इसलिए आपको इंटरनेट बैंकिंग पर ध्यान देना चाहिए और ट्रांसक्शन चार्जस से बचना चाहिए।
Written by : Ankita Gusain