खरीद नहीं पाए नई कार तो बस 40 हजार की लागत से घर में ही कर दी तैयार, महंगी गाड़ियों को दे रही टक्कर

    0
    190

    कार खरीदना हर किसी का सपना होता है। लेकिन कुछ लोग इस सपने को पूरा नहीं कर पाते हैं। ऐसा जरूरी नहीं होता की जो हम फिल्मों में देखते हैं वो हकिकत में नहीं हो सकता या उसे करना मुमकिन नहीं होता, बस उस काम को करने के लिए आप में हुनर होना चाहिए। एक ऐसा ही काम केरल के रहने वाले राकेश ने किया है।

    उनके काम के आगे बड़ी गाड़िया कुछ नज़र नहीं आ रही हैं। काम ही इतना उम्दा किया है। पेशे से राकेश मैकेनिकल इंजीनियर तो उन्हें गाड़ियों जैसे कार और स्पोर्ट्स बाइक का बहुत शौक़ है। लेकिन जब उसने इन गाड़ियों को खरीदना चाहा तो पैसों की तंगी में ऐसा मुमकिन नही हो पाया।

    खरीद नहीं पाए नई कार तो बस 40 हजार की लागत से घर में ही कर दी तैयार, महंगी गाड़ियों को दे रही टक्कर

    हर कोई महंगी चीजों को खरीदने का सपना देखता है। लेकिन हर किसी के लिए वह संभव नहीं हो पाता है। इस बीच राकेश ने खूद से एक कार बना डाली जिसे वो वॉल्सवैगन भी कहते हैं। लेकिन इसमें हैरानी इस बात की है कि इस कार को बनाने में राकेश को सिर्फ 40 हजार की लागत लगी और उसनें इतनी अच्छी कार बना डाली।

    खरीद नहीं पाए नई कार तो बस 40 हजार की लागत से घर में ही कर दी तैयार, महंगी गाड़ियों को दे रही टक्कर

    राकेश को हमेशा से महंगी गाडिय़ों का शौक है। हर किसी को होता है। लेकिन सभी की किस्मत में महंगी गाड़ियां नहीं होती। राकेश खूद से बताते हैं कि वह बचपन में अपने पिता के साथ वर्कशाप में जाकर काम देखा करते थे। जहां उनका जाने का यही मकसद होता था कि किसी तरह वो वर्कशाप में काम करने वाले कारीगरों से काम करने के तरीके और जानकारियां हासिल कर सकें और इसका फायदा राकेश को पहली बार तब हुआ जब उन्होनें खूद से जीप और बाइक बनाने की कोशिश की थी। उस दौरान राकेश को अपने इस प्रयास में कामयाबी हाथ नही लग पाई थी।

    खरीद नहीं पाए नई कार तो बस 40 हजार की लागत से घर में ही कर दी तैयार, महंगी गाड़ियों को दे रही टक्कर

    उनका प्रयास जारी ही रहा क्योंकि राकेश का बचपन से ही मैकेनिकल में काफी शौक़ था। प्रयास करने से ही सफलता मिलती है। उन्होंने लगातार प्रयास किया और सफलता मिल गयी।