जिसमे एक लाख फर्जी आरटी पीसीआर रिपोर्ट तैयार की गई थी हैरत की बात है कि इसमें से कुछ लोगों के नाम बहुत अजीब है, लोगो को फर्जीवाड़ा करने में एक लाख फर्जी नाम ढूढने के लिए इन लोगों को अपने दिमाग के सभी पुर्जे हिलाने पड़ गए. वही जब इन लोगो को नाम समझ नही आया तो इन्होंने लोगों के नाम ही ” चंपू और गुटखा” रख दिए।
यदि आप इस लिस्ट को उठा कर देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि इसमें दोनों में से हैं जो बिल्कुल अजीबोगरीब है साथ ही जिन लोगों के घर उनके मोबाइल पर RTPCR रिपोर्ट पहुंची तो उनमें से कुछ घबरा गए और कुछ ने इसे महज इस मजाक समझ कर छोड़ दिया.
हरिद्वार के गुलाम मोहम्मद डरने वालों में से एक थे मेरे पास मैसेज आया कि रिपोर्ट का इंतजार है लेकिन मैंने कभी कोई सैंपल दिया ही नहीं था . मेरे परिवार को यह डर सताने लगा कि हमें कहीं और ले जाकर कोरेंटिन सेंटर में रखा जाएगा
कोई डरा तो किसी ने किया इग्नोर
डरने वालों में मोहम्मद नाम शामिल है जिनके पास यह मेसेज आया कि आपकी रिपोर्ट आने का इंतजार है . इसको आयोजन कुंभ के दौरान एक प्राइवेट एजेंसी ने जारी किया जिसमें से बिना किसी को लोगों तक एक मैसेज आएगा जिसमें लिखा था कि आप की रिपोर्ट का इंतजार है
एक समाचार पत्र के अनुसार लोगो को कॉल करके पूछा गया कि उसके पास ऐसा कोई मैसेज आया है उन्होंने कहा कि हालांकि हमारे रिपोर्ट नेगेटिव है लेकिन हम फिर भी डरते हैं लेकिन कुछ लोगों ने इस बात को अनदेखा किया और किसी के नंबर नहीं मिले
लाखों नाम को सोचने के लिए दौड़ाने पड़े दिमाग के घोड़े
कई मामलों में देखा गया कि जिन लोगों के ‘टेस्ट’ किए गए थे उनका सरनेम नहीं था। यह भी पाया गया कि कुछ नाम ‘चंपू’ और ‘गुटखा’ भी दर्ज किए गए थे। यह लिस्ट स्वास्थ्य विभाग से मिली थी। कुंभ मेले के दौरान सरकार के अलावा 9 प्राइवेट एजेंसियों ने 4 टेस्ट करने का दावा किया था। ऐसा हाई कोर्ट के उस आदेश के बाद किया गया था जिसमें कहा गया था कि कुंभ में हर रोज 50 हजार टेस्ट किए जाएं।
इस फर्जीवाड़े में एक प्राइवेट एजेंसी के खिलाफ एक लाख पर जीत दर्ज करने के आरोप में f.i.r. भी की गई है अपने स्टूडेंट को सैंपल जुटाने वाले के तौर पर दिखाया गया था और लोगों के फर्जी नाम पते लिख दिए गए थे