कोरोना महामारी की निवृत्ति एवम बचाव के लिए योगासन, प्राणायाम, ध्यान अतिआवश्यक है

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ताड़ासन संस्कृत शब्द ताड़ (पर्वत) के साथ आसन को मिलाकर बना है। ताड़ासन खड़े रह कर करने वाले योगासनों की नींव माना जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस योगसन को करते समय शरीर पर्वत के समान सीधा और स्थिर रहता है।


अपने बिछौने पर सावधान की स्थिति में खड़े हो जाएँ| पैरों के बीच में चार से छःइंच की दुरी रखें| दोनों हाथो को पाशर्व भाग से फैलाते हुए पहले कन्धो के पास लाए, यहाँ तक हथेलियाँ नीचे की ओर रहेगी| अब कन्धों के पास हाथ आते ही हथेलियों को उपर की ओर करते हुए हाथों को और उपर कानों तक लाएं| दोनों हथेलियों को खोल दें , दोनों हाथों के अंगूठों को आपस में मिला ले| एडियों को ऊपर  उठाते हुए, पंजों पर पुरे शरीर का वजन रखें| इस स्थिति में श्वास को अन्दर भरते हुए,शरीर को ऊपर की ओर तानिए|दृष्टि सामने रहेगी |जब आप शरीर को ऊपर की तरफ खिचेंगे तो मुलबंध और उड्डियान बंध स्वतःही लगने लगेगें । पैरों के पंजों और अंगूठों पर वजन रखते हुए आगे-पीछे दो – दो कदम चल भी सकते हैं |कुछ देर तक आसन को स्थिर रखें, अगर इस समय श्वास को छोड़ने की इच्छा हो तो धीरे – धीरे श्वास को छोड़ते हुए वापस हाथों को कन्धों के बराबर लाएं |हथेलियाँ अभी तक ऊपर की तरफ रहेंगी| अब हथेलियों को नीचे जमीन की तरफ करते हुए, हाथों को नीचे पाशर्व भाग से दोनों जांघों के पास लाएं| एडियाँ जमीन पर टिक जाए| सावधान की स्थिति में आ जाएँ | कुछ समय विश्राम करने के पश्चात् दूसरा चक्र करें , फिर विश्राम करें|

समय एवं आवृति:-
प्रारंभ में तीस सैकेंड से शुरू करें | अभ्यास होने पर तीन मिनट तक कर सकते है | तीन चक्र से शुरू कर सात चक्र तक कर सकते है|    

ताड़ासन के लाभ:–

कोरोना महामारी की निवृत्ति एवम बचाव के लिए योगासन, प्राणायाम, ध्यान अतिआवश्यक है


1. मधुमेह के लिए ताड़ासन के लाभ- योग में ऐसे कई योगासन बताए गए हैं, जो मधुमेह में लाभकारी हो सकते हैं। इनमें एक नाम ताड़ासन का भी शामिल है। नेशनल सेंटर ऑफ बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन (NCBI) द्वारा प्रकाशित एक शोध में यह बताया गया है कि ताड़ासन ऐसे योगासनों में शामिल है, जो टाइप 2 डायबिटीज को नियंत्रित रखने में मदद कर सकते हैं। यह आसन खून में ग्लूकोज को नियंत्रित करने और इंसुलिन की मात्रा को बनाए रखने में मदद कर सकता है। इस प्रकार मधुमेह के मरीजों के लिए ताड़ासन के फायदे देखे जा सकते हैं। हालांकि, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
2. रीढ़ की हड्डी को स्वस्थ बनाए रखने में ताड़ासन मदद करता हैं।
3. ताड़ासन रीढ़ को सकारात्मक रूप से लचीला और शरीर का संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकता है। दरअसल, यह मांसपेशियों में खिंचाव पैदा करता है, जिससे रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने में मदद मिलती है।
4. घुटने, जांघ और टखनों को मजबूत बनाता हैं |
5. ताड़ासन के करने से कद वृद्धि भी होती है।जिन बच्चों की क़दवृध्दि ( Hight ) कम है वे नित्यप्रति ताड़ासन का अभ्यास करें क्योंकि कदवृध्दि 17,18 वर्ष की उम्र तक हो सकती है।
 
सावधानियाँ :-

इस आसन में दृष्टि को सामने किसी एक स्थान पर स्थिर रखें क्योकिं दृष्टि इधर –उधर होते ही सन्तुलन बिगड़ जाता  हैं| दीर्घ श्वसन करना न भूलें| आसन की स्थिति में जाते हुए श्वास को अन्दर भरे तथा वापस आते हुए श्वास को बाहर निकालें |