अरावली वन क्षेत्रों के बीच बसी खोरी गांव को सुप्रीम कोर्ट ने ढहाने के आदेश दिए है। आदेशों के बाद लोगों के अंदर सरकार तथा प्रशासन के प्रति रोष देखने को मिल रहा है। लोगों का कहना है कि यह क्षेत्र दिल्ली सीमा के अंतर्गत आ रहा है परन्तु हरियाणा सरकार ने जबरदस्ती इस क्षेत्र को अपने अंदर ले लिया है और अब इसे ढहाने का काम कर रही है।
दरअसल, अरावली वन क्षेत्रों के बीच बसी खोरी काफी लंबे समय से विवादों में बनी हुई है। खोरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में काफी लंबी सुनवाई भी हुई है वही सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इससे ढहाने के आदेश दिए है।
आदेशों के बाद फरीदाबाद प्रशासन की ओर से तोड़- फोड़ की कार्यवाही को अमल में लाने के लिए इंतजाम भी किए है। प्रशासन की ओर से पर्यटन विभाग के अधिकारियों को लोगों को कैंटर मुहैया कराने के आदेश भी दिए गए है।
पर्यटन विभाग के अधिकारी लोगों को पुनर्वास के लिए कैंटर उपलब्ध करवा रहे रहे है। लोगों के मन में हरियाणा सरकार तथा केंद्र की भाजपा सरकार के प्रति काफी रोष देखने को मिल रहा है। लोगों का कहना है कि जब इस गांव को बसाया जा रहा था तब प्रशासन का एक भी अधिकारी इससे हटवाने के लिए नही आया वही अब इससे ढहाने के लिए अधिकारियों की लाइन लगी हुई है।
लोगों ने बताया कि भू- माफियाओं ने दिल्ली की ज़मीन बताकर इस गांव की ज़मीन को बेचा था परन्तु हरियाणा सरकार ने इस गांव को अपने अंतर्गत कर लिया है और अब इसे ढहाने काम कर रही है।
लोगों ने बताया कि यहां खोरी के कुछ हिस्सों को दिल्ली सरकार की ओर से बिजली, पानी तथा सड़क की सुविधा भी दी गई है. ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल आ रहा है कि यदि गांव अवैध है तो गांव के कुछ हिस्सों को सरकारी सुविधा क्यों मुहैया करवाई गई थी?