महामारी का ऐसा कह रहा है कि पूरी दुनिया अस्त-व्यस्त होने लगे हैं शहर हो या गांव सभी जगहों पर इस महामारी के प्रकोप से कोई बच नहीं पाए लेकिन हरियाणा के कुछ ऐसे गांव हैं जहां पर घर पहुंच भी नहीं पाया जब दूसरी लगा रहे तो महामारी के ख्वाब तो जिले के सभी 175 गांव थे लेकिन हरियाणा के तीन ऐसे गांव हैं
जहां पर किसी को भी महामारी छू तक नहीं पाए यहां पर सभी ग्रामीणों की सवारी और जागरूकता की वजह से यह संभव हो पाया कि इस गांव में महामारी का एक भी केस नहीं मिल पाया जब सभी प्रदेश वासी इस कहर से डर रहे थे
तो उस समय पर यह गांव वालों ने एक नई तकनीक अपनाई जिससे इस गांव में किसी को भी यह बीमारी जो तक नहीं पाएगा
किसी को भी गांव में आने पर प्रवेश वर्जित
गांव में रहने वाले लोगों ने सजगता और जागरूकता उन्हें उन्होंने अपने गांव में किसी भी रिश्तेदार को नहीं आने दिया बुजुर्गों को ताश खेलने और होता पर भी रोक लगा दी यदि किसी घर में किसी व्यक्ति को बुखार भी आता है तो तुरंत यात्रा की टीम को बुला कर उपचार किया 1 सप्ताह के लिए पूरे परिवार को घर से बाहर निकलने नहीं दिया गया
लोगों को खुद मदद करते हुए देखा गया
किस गांव में रहने वाले लोगों ने एक दूसरे की मदद करते हैं गांव के लोगों के घर का ही खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाते थे कि किसी को भी किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े यही समझदारी तीनों लोगों को बचाने में कामयाबी रहे और सभी के लिए प्रेरणा बन गई गांव बिंद्रावन में मार्च महीने महामारी ने रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी थी
ऐसे में ग्रामीणों ने शुरू में ही गांव के अड्डे पर 11 लोगों की कमेटी बनाकर चौकी शुरू करवा दी थी जिसके बाद पूरे गांव या जिले में 4 मई को लेकर सभी को जागरूक किया और सभी लोग अपने घर में बैठकर अलग से हुक्का पीते थे आज के गांव में बिल्कुल बंद हो गया वायु संक्रमण का खात्मा करने के लिए गांव का भार पारित करवाया यही कारण है
कि गांव में 2020 और 2021 में एक भी मरीज वहां पर नहीं है आप गांव नौरंगाबाद के पूर्व सरपंच महेश कुमार कहते हैं कि जहां हर तरफ महामारी ने अपनी चपेट में लोगों को ले रखा था लोग अपनी इस संक्रमण से जान गवा रहे थे हर तरफ परेशान और हैरान लोग को किसी भी प्रकार का कोई उपचार नहीं मिल पा रहा था ऐसे में इस काम को महामारी से बचाया जा सका
बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की कराई गई जांच
बनाई गई कमेटी के अनुसार पूरे गांव में एक सहमति जताई कि कोई भी व्यक्ति यदि बाहर से आता है तो उसको अपने रिपोर्ट दिखानी होगी यदि वह रिपोर्ट नेगेटिव आती है तभी गांव में प्रवेश मिलेगा यह गांव के लोगों पर भी लागू था इसके अलावा गांव के खेतों में ही सब्जी विफल हो गए ग्रामीण से अपने खेतों पर ही होगी फल और सब्जी खरीद कर खाते थे
बाहर से किसी भी फेरीवाले को अंदर आने की इजाजत नहीं दी रे सुधारा प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के लिए फैसला हुआ गांव को स्वस्थ रखने के लिए मुनादी की गई गांव को समय-समय पर सैनिटाइज कराया गया था
प्रशासन करेगा सम्मानित
चरखी दादरी के डीसी अमरजीत सिंह मान ने कहा कि यह जिले के लिए बड़ी खुशी की बात है कि जिले के 3 गांव में सरकार की गाइडलाइन और सूझबूझ का परिचय देते हुए अपने गांव में इस महामारी को होने से बचाया है अन्य गांवों के लोगों से प्रेरणा लेनी चाहिए डीसी ने जल्द ही गांव को सम्मानित करने की बात कही है वहीं डिप्टी सीएमओ डॉ संजय गुप्ता ने कहा कि जिले में 175 गांव है इनमें से तीन गांव ही ऐसे हुए जिन्होंने एक मिसाल पेश की है संक्रमण के दौरान किसी भी बाहरी व्यक्ति को गांव में आने की इजाजत नहीं दी गई