देश में अपनों ने ठुकराया तो अमेरिका और इटली ने गले लगाया, कानपुर के बच्चों को ऐसे मिली विदेशी गोद

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    आपकी किस्मत को जहां ले जाना होता है वह ले जाती है। आप जितना भी प्रयास कर लें किस्मत को हरा नहीं सकते। आज जहां विदेश की धरती पर पैर रखने के लिए सपने देखे जाते हैं, वहां इन बच्चों को उनकी किस्तम ने खुद-ब-खुद भेजने की रूपरेखा बना दी है। भारत में अब जब अपनों ने ठुकरा दिया तो इन बच्चों को अमेरिका, इटली और स्पेन ने गले लगाया है। दरअसल, भारतीय बच्चों को गोद लेने के लिए विदेशी बड़े ही ख्वाहिशमंद रहते हैैं।

    गोद लिए बच्चे अपने सगे बच्चों से प्यारे माने जाते रहे हैं। इन्हे अच्छी परवरिश भी दी जाती है। देश में भले ही अनाथ बच्चों को दंपती नहीं अपनाते हैैं लेकिन विदेशियों की गोद और उनका प्यार खूब मिलता है।

    देश में अपनों ने ठुकराया तो अमेरिका और इटली ने गले लगाया, कानपुर के बच्चों को ऐसे मिली विदेशी गोद

    अच्छी ज़िंदगी बच्चों को देखर अभिभावक इस दुनिया का सबसे सुंदर काम करते हैं। यह काम काफी प्रेरणा देता है। किस्मत अपना रास्ता खुद ही तलाश लेती है, इन बच्चों के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। भारत सरकार की एजेंसी कारा बच्चों को गोद देने का कार्य करती है। इसमें भारतीय आनलाइन आवेदन करते हैं। दत्तक प्रक्रिया का नियम है कि जिन बच्चों को 16 बार रिजेक्ट कर दिया जाता है, उन्हें फिर विदेशी नागरिकों को गोद देने की प्रक्रिया में शामिल किया जाता है।

    देश में अपनों ने ठुकराया तो अमेरिका और इटली ने गले लगाया, कानपुर के बच्चों को ऐसे मिली विदेशी गोद

    किशोरावस्था में बच्चों को माता-पिता के मार्गदर्शन की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। लेकिन अनाथों का क्या कहें? ईश्वर उनपर कहर बरपाता है। कानपुर में ऐसे 17 बच्चे हैं, जिन्हें अलग-अलग अभिभावकों ने देखने के बाद गोद लेने से मना कर दिया। भारतीय के ठुकराने के बाद इन बच्चों को विदेशी गोद में जाने का अवसर मिला।

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    अनाथ बच्चों के लिए सरकार भी तत्परता से काम कर रही है। उन्हें गोद लेने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। कारा के नियम के मुताबिक एक बच्चे को सप्ताह में मंगलवार और शुक्रवार को गोद लेने वाले दंपती के सामने फोटो के जरिये आनलाइन प्रस्तुत किया जाता है। कोई बच्चा जब लगातार 16 बार रिजेक्ट कर दिया जाता है तो फिर उसे भारतीय दत्तक ग्रहण के विकल्प से निकालकर विदेशी दत्तक ग्रहण के लिए पंजीकृत कर दिया जाता है। इसके बाद ऐसे बच्चों को विदेशी आनलाइन देख पाते हैं और उनका चयन कर गोद लेते हैं।