बाईपास रोड के दोनों तरफ बनाई गई ग्रीनबेल्ट पर लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है। जिला प्रशासन और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की लापरवाही के कारण ऐसा हुआ। अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन भी ज्यादा सख्ती नहीं बरत रही है।
शहर को हरा भरा बनाने के लिए बाईपास के दोनों तरफ ग्रीनबेल्ट का निर्माण किया गया था। बदरपुर बॉर्डर से लेकर नेशनल हाईवे झाड़सैतली गांव तक बने ग्रीनबेल्ट पर लोगों ने कब्जा कर लिया है। कहीं ट्यूबवेल लग गए हैं तो कहीं ढाबे खुल गए है तो कोई मवेशियों को बांध रहा है। कई जगहों पर सब्जी व मछली मंडी लगी है। कुछ जगहों पर लोगों ने तो झुग्गी–झोपड़ियां भी डाल ली है।
हरियाणा सरकार द्वारा कई बार इन झुग्गियों को हटाया गया परंतु यह लोग दोबारा यहां अतिक्रमण कर लेते हैं। इन लोगों को सेक्टर–56–56ए में आशियाना योजना के तहत फ्लैट भी दिए गए हैं लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ।
ग्रीनबेल्ट की कई जगहों पर लोगों ने पक्का निर्माण भी करवा लिया है और इन पर कार्यवाही करने की जगह इनकी खानापूर्ति की जा रही है।
अगर कोई अधिकारी इन पर कार्यवाही करता है तो ये लोग उसका तबादला करवा देते है। कुछ महीने पहले हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारी प्रदीप दहिया ने बड़ौली गांव के पास बने अवैध शोरूम को हटाने के लिए कार्यवाही की थी।
इसे तोड़ने के लिए बड़ी बड़ी मशीने किराए पर मंगवाई गई थी, प्राधिकरण को इसके लिए नौ लाख रुपए चुकाने पड़े। परंतु लोगों ने प्रतिनिधियों से मिलकर उनका तबादला करा दिया। यहां से कब्जा हटाने के लिए प्रशासन की सारी कोशिश बेकार हो गई। ऐसे में बाईपास को हरा भरा रखने की सरकार की योजना विफल हो रही है।
प्राधिकरण के एसडीओ सर्वे विनोद कुमार गुप्ता ने कहा कि अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही उच्च अधिकारियों द्वारा की जाती है। वे ही इसके बारे में निर्णय लेंगे। जैसा बड़े अधिकारी कहेंगे हमें उसी के अनुसार कार्य करना है।