दस्तक दे रहा है मानसून: नालों की सफाई में हुई देरी से तालाब में तब्दील होगी स्मार्ट सिटी

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बारिश का मौसम आने वाला है और अभी तक नालों का निर्माण कार्य और इसकी सफाई का कार्य भी पूरा नहीं किया गया है। अगर बारिश हो गई तो प्रशासन के लिए जल निकासी कराना मुश्किल हो जाएगा। साथ ही लोगों की परेशानियां भी बढ़ जाएंगी।

बारिश का मौसम जैसे–जैसे नजदीक आ रहा है। लोगों को शहर के जल निकासी की चिंता सता रही है। फिलहाल शहर में जल निकासी के लिए केवल एक ही बड़ा नाला है। जो सरकारी अस्पताल से प्रारंभ होकर कल्पना चावला सिटी पार्क, आकाश सिनेमा, महावीर कॉलोनी, मोहना मार्ग, ऊंचा गांव, सेक्टर–64 से होते हुए आगरा नहर में जाती है। बरसाती और गंदे पानी की निकासी के लिए बिजली के मोटरों का प्रयोग करके इस जल को नहर में डाला जाता है।

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नगर निगम द्वारा 10 करोड़ रुपए की लागत से नाले को सिमेंटेड बनाया जा रहा है। इसके निर्माण कार्य को एक वर्ष से अधिक हो गया है परंतु अभी तक इसे पूरा नहीं किया गया है। नाले का निर्माण कार्य अभी केवल ऊंचा गांव तक ही पहुंचा है। अब लगभग एक किलोमीटर नाले का निर्माण बाकी है।

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नाले का निर्माण कार्य जिस धीमी गति से चल रहा है उससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसको पूरा होने में कितना समय लगने वाला है। इसके अलावा नालों की सफाई को लेकर भी लोगों की चिंताएं बढ़ गई है।

बरसात के समय नालों का सारा कचरा सड़को पर बहने लगता है। प्रशासन भी इसकी सफाई को लेकर ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। लोगों ने बताया कि उन्होंने इसकी शिकायत कई बार नगर निगम से की। परंतु शिकायत के बावजूद उनके द्वारा कोई भी कदम नहीं उठाया गया।

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हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा भी समय-समय पर इसका निरीक्षण करते रहते हैं और निगम अधिकारियों को इससे संबंधित दिशा-निर्देश भी देते हैं। इसके बावजूद नाले का निर्माण कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है। अधिकारियों को इसके प्रति गंभीरता दिखानी चाहिए जिससे लोगों को कोई परेशानी न हो।

महेंद्र शर्मा का कहना है कि नाले का निर्माण कार्य जिस गति से चल रहा है उसको देखते हुए ऐसा लग रहा है कि इसमें अभी काफी समय लगने वाला है। उन्होंने आगे कहा कि प्रशासन को जल निकासी के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए ताकि बरसात के समय शहर में जलभराव न हो।

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जोगेंद्र ठुकराल ने कहा कि नाले के निर्माण कार्य में अभी काफी समय लगने वाला है। बारिश के समय जल निकासी के लिए जगह जगह पर नालों को सिविल लाइन से जोड़ दिया गया है। ऊंचा गांव से आगे के हिस्से में मोटर या डीजल पंप की मदद से पानी निकाला जाएगा।