किसानों की आमदनी बढे इसके लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। सरकार का लक्ष्य है कि साल 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना किया जा सके। देश में फिलहाल खरीफ फसलों की रोपाई-बुवाई का सीजन चल रहा है। खरीफ की प्रमुख फसल धान की किसान बड़े पैमाने पर खेती कर रहे हैं। इसी बीच पंजाब में एक नया चलन देखने को मिल रहा है।
किसानों के हित में सरकार लगातार तमाम प्रयास भी कर रही है। जिसने भी जरा सा हटकर काम किया, उसको सफलता जरूरी मिली। यहां के किसान एक खास प्रयोग कर रहे हैं और एक ही खेत में अलग-अलग किस्म व अलग-अलग विधि से धान की खेती कर रहे हैं।
किसानों को पिछले कुछ वर्षों के दौरान खेती-बाड़ी में मोटा मुनाफा होने लगा है। किसान को अब अपनी मेहनत के दाम मिलने लगे हैं। पंजाब कृषि निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं, हमने देखा है कि किसान खरीफ फसलों, विशेष रूप से धान को बुद्धिमानी से उगा रहे हैं। वे अपने खेत के एक हिस्से में सीधी बुवाई यानी छिड़काव कर रहे हैं और दूसरे खेत हिस्से में नर्सरी से पौध उखाड़ कर रोपाई कर रहे हैं।
आइडिया आपको कहीं से भी मिल सकता है। बस आपको उस आइडिया पर काम करने की ज़रूरत होती है। किसान लंबी अवधि और कम अवधि में तैयार होने वाली धान की अलग-अलग किस्मों को एक ही खेत में लगा रहे हैं। पंजाब में इस खरीफ सीजन मोटे धान की 24.5 लाख हेक्टेयर और बासमती की 5.5 लाख हेक्टेयर में खेती होने की उम्मीद है। पंजाब के किसान कहते हैं कि किसानों को हर संभव तरीके से खेती में विविधता लानी चाहिए।
खेती का भविष्य बहुत ही उज्जवल हो रहा है। भारत में अब खेती का भविष्य अच्छा नजर आ रहा है। अब विभिन्न किस्मों को उगाने से किसानों को मदद मिलेगी। अगर बासमती को अच्छी कीमत नहीं मिली तो किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत आने वाली मोटे किस्मों को बेचकर आमदनी कर सकते हैं।