कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है। छोटी तो बस हमारी सोच होती है। यह सोच हर दिन और भी छोटी होती जा रही है। मौजूदा वक़्त में बहुत सारी महिला किसान आधुनिक तरीके से खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रही हैं। और अन्य महिला किसानों के लिए नजीर पेश कर रही हैं। उन्हीं महिला किसानों में से एक कर्नाटक की रहने वाली महिला किसान कविता मिश्रा भी हैं, जोकि आधुनिक तरीके से मल्टीक्रोपिंग करके अच्छा मुनाफा कमा रहीं हैं।
अगर किसी चीज़ में कभी – कभी कुछ बदलाव किये जाएं तो यह हमें बहुत फायदा देता है। कविता उमाशंकर मिश्रा इनका पूरा नाम है। कर्नाटक की रहने वाली कविता का गांव का कविताल है। कविता खेती के अलावा नर्सरी चलाती हैं। इसके साथ ही बागवानी और पशुपालन भी करती हैं।
मेहनत के साथ – साथ आपकी प्लानिंग भी बहुत महत्व रखती है। आपका विश्वास आपमें होना चाहिए। कविता ने बहुत दबाव वाली परिस्थिति में यह सब शुरू किया था। दरअसल, तीन साल का डिप्लोमा कंप्यूटर साइंस में पूरा किया था। इसके बाद उन्होंने कर्नाटक की धारवाड़ यूनिवर्सिटी से एम.ए. इन साइकोलॉजी किया। उनका सपना इंजीनियर बनने का था, लेकिन जहां उनकी शादी हुई, वहां लड़कियों को बाहर जाकर काम करने की इजाजत नहीं थी।
आज बागवानी से इनकी ज़िंदगी बहुत महक रही है। इनका यह काम काफी कुछ सकारात्मक संदेश भी देता है। कविता बताती हैं कि उनके पति उनसे कहा कि आपको जो भी करना है, वो घर पर ही करना है, तो उनके सास ससुर की जो जमीन थी, उस पर कुछ करने का सोचा, वहां पहले कुछ नहीं उगता था। कविता ने सोचा कि मैं अपने करियर को चार दीवारी में बर्बाद करने की जगह क्यों न खेती करूं। उन्हें एमएनसी में काम करने का मौका मिला, लेकिन कभी घऱ से बाहर निकलने की इजाजत नहीं मिली।
उन्हें कुछ करना था खाली नहीं बैठना था। वह तत्परता से कोई न कोई काम करना चाहती थीं। कविता के पास अभी 8 एकड़ 10 कुंठा जमीन है, जिसमें मैंने 2100 चंदन का पेड़ लगाया है. 600 आम लगाया है, 100 आंवला, 600 अमरूद का पेड़, 100 सागवाना, 600 सीताफल, 100 सहजन, 100 मौसम्बी है, और 200 काला जामुन का पेड़ है.