8 जुलाई 2020 को आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने पुष्टि की, कि अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स (ARHC) योजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल चुकी है और शहरी गरीबों को एक सभ्य जीवन स्तर प्रदान करने के लिए वह प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की उप-योजना के रूप में जारी हो चुकी है |
पिछले कुछ वर्षों में भारतीय रियल एस्टेट द्वारा देखी गई मंदी एक चर्चा का विषय है | संयुक्त राज्य अमेरिका और सिंगापुर विकसित देशों की बात की जाए तो विदेशों में किराये के आवास बाजार में कई वर्षों से उन्नति देखने को मिली है, जिसमें आबादी का एक बड़ा हिस्सा इसके लिए स्वेच्छा से चयन कर रहा है |
इससे पहले आपको बता दें, भारत को किराये के आवास मॉडल का सहारा लेना बेहद मुश्किल हो गया था, जो एक समय में आवास की मांग को स्थिर करने के लिए हितधारकों के लिए अधिक लाभदायक था ।
जानकारी के मुताबिक :
औपचारिक रूप से जुलाई 2020 में अस्तित्व में आया था, नेशनल अर्बन हाउसिंग रेंटल पॉलिसी (ड्राफ्ट) 2015 ने अतीत में कुछ ब्याज इकट्ठा किया था |इसी कड़ी में शहरी गरीबों के आवास की जरूरतों को संबोधित करने की आवश्यकता निहाई पर थी, लेकिन विभिन्न कारणों की वजह से पूरी नहीं हो पाई | नेशनल अर्बन हाउसिंग रेंटल पॉलिसी को भी 32 साल पहले नेशनल हाउसिंग पॉलिसी 1988 में वापस लाया जा सकता है ।
फरीदाबाद में ARHC का बड़ा फैसला
ARHC ने ट्वीट करते हुए कहा “हरियाणा के फरीदाबाद में 2,545 मौजूदा खाली घरों को अब #ARHC में बदला जाएगा। इन घरों से शहरी प्रवासियों/गरीबों को किफायती दरों पर सम्मानजनक जीवनयापन का वातावरण प्राप्त करने में मदद मिलेगी।”
पिछले कई दिनों से डबुआ पुलिस चौकी के नजदीक बने यह सरकारी फ्लैट पिछले कई दिनों से खाली पड़े थे लेकिन अब arhc द्वारा यह ऐलान कर दिया गया है कि गरीबों को यह फ्लैट बेहद कम दामों पर उपलब्ध होंगे । अधिक जानकारी के लिए आप आरएचसी की ऑफिशियल साइट पर जाकर इससे जुड़ी जानकारी और घर प्राप्त करने की प्रक्रिया को जान पाएंगे ।