चंडीगढ़ में हरियाणा निवास में आयोजित बैठक में भाजपा विधायक दल, जजपा विधायक दल और निर्दलीय विधायकों की संयुक्त बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल, उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, भाजपा प्रभारी विनोद तावडे़, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़, जजपा के प्रदेश अध्यक्ष निशांत सिंह और भाजपा के प्रांतीय संगठन मंत्री रविंद्र राजू ने प्रमुख रूप से शिरकत की।
भाजपा-जजपा और निर्दलीय विधायकों की संयुक्त बैठक करीब एक घंटे तक चली। गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भी हालांकि बैठक में थे, लेकिन वह सबसे पीछे विधायकों के साथ बैठ गए। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उन्हें आगे आने के लिए कहा, लेकिन वह आगे नहीं आए और विधायकों के साथ ही बैठे रहे।
मंच पर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बैठे, जबकि उनके सामने वाली कतार में प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी और संगठन मंत्री समेत बाकी मंत्री और विधायक बैठे दिखाई दिए।
कृषि कानूनों को लेकर खफा सैकड़ों किसानों को अब अनदेखा करते हुए हरियाणा की बीजेपी और जेजेपी गठबंधन सरकार ने अपने समर्थकों संग धरातल पर उतर के खास रणनीति बनाते हुए निर्दलीय विधायकों ने न केवल अपने विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्यों में गति लाने की प्रतिबद्धता जाहिर की,बल्कि प्रदेश सरकार ने पंचायतों को पावरफुल करते हुए विधायकों और सांसदों को उनकी समस्याओं के समाधान का प्रहरी बनने का विकल्प दिया है।
वहीं मिली अब आलम यह है कि हरियाणा सरकार जल्द ही जन सहायक के नाम से एक एप लांच करेगी। इस एप की सहायता से प्रदेश का प्रत्येक नागरिक अब अपनी समस्या को अपलोड कर सरकार से रूबरू करा सकेगा। वहीं दूसरी तरफ अधिकारियों को इन समस्याओं के समाधान के लिए समयबद्ध तरीका अपनाना होगा।
प्रदेश सरकार ने नई व्यवस्था की है कि अब पंचायतों द्वारा ग्राम दर्शन योजना के तहत एप पर जिस भी समस्या या मसले को उठाया जाएगा, उसके समाधान के लिए सांसद और विधायक अपनी सिफारिश करते हुए सरकार के पास भेजेंगे। इससे न केवल पंचायतों, विधायकों और सांसदों के बीच समन्वय स्थापित होगा बल्कि सरकार को भी समयबद्ध समस्याओं के समाधान में मदद मिलेगी।
बैठक में किसान आंदोलन, कोविड-19 और लंबित विकास परियोजनाओं की समीक्षा भी की गई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हम किसानों के हितों के पक्षधर हैं। इन तीन कृषि कानूनों में कुछ भी ऐसा नहीं है जो विरोध के लायक है। जितने भी लोग आंदोलन कर रहे हैं, वे सब राजनीति से प्रेरित हैं। इसलिए विधायक इस आंदोलन की चिंता न करते हुए फील्ड में जाएं और किसानों के हित में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा लिए गए फैसलों की अधिक से अधिक जानकारी उन्हें दें।
बैठक में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सुझाव दिया कि जिला स्तर पर यदि किसी समस्या के समाधान में भाजपा विधायकों, निर्दलीय विधायकों अथवा जजपा विधायकों के बीच किसी तरह की दुविधा या मनमुटाव देखने को मिले तो इसके समाधान के लिए एक कमेटी का गठन किया जाना चाहिए। यानी दुष्यंत की पीड़ा बैठक में झलक गई। कहीं न कहीं उन्हें इस बात का मलाल था कि उनकी पार्टी के विधायकों की खास पूछ नहीं हो रही है।