कर्मचारियों की नहीं मानी गई मांग, टल सकती है खोरी गांव की तोड़फोड़?

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नगर निगम में कर्मचारियों की हड़ताल का आज तीसरा दिन था और उनकी मांगे सिर्फ एक ही कि उनका वेतन उन्हें दिया जाए ताकि उनके परिवारजनों को कोई भी परेशानी ना हो और अन्य चीजें आसानी से उपलब्ध हो सके। कर्मचारी लगातार अपनी मांगों को लेकर निगमायुक्त गरिमा मित्तल से गुहार लगा रहे हैं।

आपको बता दें की हाल ही में खोरी गांव का मुद्दा बहुत ही गर्म आया हुआ है जिसको लेकर अब अटकलें भी तेज हो रहे हैं कि गांव में तोड़फोड़ कब होगी। पिछले दिन आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील गुप्ता को पुलिस ने अपनी कस्टडी में ले लिया था।

कर्मचारियों की नहीं मानी गई मांग, टल सकती है खोरी गांव की तोड़फोड़?

खोरी गांव के लोग प्रधानमंत्री आवास का घेराव करने वाले थे परंतु पुलिस की मुस्तैदी को देखते हुए उन्हें वापस लौटना पड़ा। खोरी गांव में तोड़फोड़ की मुश्किलें भी अब और बढ़ती जा रही हैं क्योंकि नगर निगम में जो कर्मचारी हड़ताल पर हैं उनमें 90 से ज्यादा कर्मचारी जेसीबी चालक है और वह तोड़फोड़ में काफी मदद करते हैं।

परंतु उनकी सैलरी न मिलने के कारण वह भी हड़ताल में शामिल हो रहे हैं तो देखना यह होगा कि अब नगर निगम प्राइवेट जेसीबी चालकों को बुलाते हैं या फिर इन कर्मचारियों की हड़ताल तोड़ी जाएगी। जेसीबी चालकों ने तो स्पष्ट कर दिया है कि अगर प्राइवेट जेसीबी चालक आए तो हम सरकार और नगर निगम का पुरजोर विरोध करेंगे।

कर्मचारियों की नहीं मानी गई मांग, टल सकती है खोरी गांव की तोड़फोड़?

आपको बता दें कि अगर खोरी गांव में तोड़फोड़ की तारीख तय होती है तो जो नगर निगम के कर्मचारी हड़ताल पर हैं उनको निगम कैसे मनाएगा और उनकी मांगों को कैसे पूरा किया जाएगा। खोरी गांव की बात करें तो तोड़फोड़ मैं जो कर्मचारी या फिर मशीनें शामिल होंगी उनको किस प्रकार से अमल में लाया जाएगा?


वही परशुराम अधाना ने कहा कि हम नगर निगम का पुरजोर विरोध करेंगे जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती तब तक हमारा यह धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।