निजी स्कूलों की मनमानी, साइट पर स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट नही कर रहे है अपलोड

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प्रदेश सरकार राजकीय स्कूलों में दाखिला लेने वाले बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए काफी प्रयासरत है परंतु इन सब के बावजूद भी निजी स्कूल छोड़ सरकारी स्कूल में दाखिला लेने वाले बच्चों की मुसीबत कम नहीं हो रही है। सरकारी आदेशों के बावजूद भी निजी स्कूल बच्चों को स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट नहीं दे रहे हैं और साइट बच्चों का स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट पेंडिंग दिखा रहा है।

प्रदेश भर में सरकारी स्कूलों में दाखिले को लेकर अभियान जोर-शोर से चलाया जा रहा है। निजी स्कूलों को छाेड़कर सरकारी स्कूल में आने वाले बच्चों का दाखिला बिना एसएलसी (स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट) के ही किए जाने के सरकार के आदेश हैं लेकिन निजी स्कूल से सरकारी स्कूल में दाखिला के लिए बच्चों के दस्तावेज आनलाइन पोर्टल पर डाले जाते हैं तो एसएलसी पेंडिंग दिखा रहा है। इससे अभिभावकों में दुविधा की स्थिति बनी हुई है।

निजी स्कूलों की मनमानी, साइट पर स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट नही कर रहे है अपलोड

बताते चलें कि अगर कोई विद्यार्थी निजी स्कूल से सरकारी स्कूल में दाखिला लेना चाहता है और उसे स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट नहीं दिया जाता तो भी उसका दाखिला हो जाएगा।

सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए प्रवेश उत्सव कार्यक्रम चला हुआ है। सरकारी स्कूलों के अध्यापक बच्चों का दाखिला करने के लिए जुटे है।

निजी स्कूलों की मनमानी, साइट पर स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट नही कर रहे है अपलोड

जरूरी दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है लेकिन जब एसएलसी की बात आती है तो वो पेंडिंग दिखाता है। ऐसे में संश्य रह रहा है कि बच्चे का दाखिला हुआ है या नहीं। शिक्षा विभाग को इस बारे में जल्द कोई ठोस निर्णय लेना चाहिए ताकि बच्चों का भविष्य खराब न हो।


गौरतलब है कि लॉकडाउन का असर बच्चों की पढ़ाई पर भी देखने को मिल रहा है। आर्थिक तौर पर कमजोर अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं ऐसे में शिक्षा निदेशालय हरियाणा सरकार द्वारा बनाए गए मॉडल संस्कृति स्कूलों में एडमिशन प्रक्रिया तेज करने के लिए प्रयासरत है वही निजी स्कूलों की मनमानी बच्चों पर भारी पड़ रही है। निजी स्कूल बच्चों को समय पर स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट नहीं दे रहे है।